अयोध्या: वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ धाम में नियुक्त पुजारी कर्मचारी और सेवादारों के बाद राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पहले रामलला के सेवकों को अब सरकारी जैसी सुविधाएं मिलने लगी है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुजारी व कर्मचारियों को सभी सुविधाएं दिए जाने की घोषणा की थी। आज पुजारी और कर्मचारियों के वेतन में भी वृद्धि कर दी है। उनके मुताबिक मुख्य पुजारी को लगभग 32000 और सहायक पुजारी को 31 हजार का वेतन मिलने लगा है। तो वही किराए पर रहने वाले पुजारी को किराया भत्ता भी दिया जा रहा है और जल्द ही उन्हें चिकित्सा सुविधा सहित अन्य सुविधाएं भी मिलेगी।

गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है मंदिर निर्माण के साथ जनवरी में रामलला अपने मूल गर्भगृह के भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। इसके बाद से उनके पूजन पद्धति में भी बदलाव करते हुए रामानंद संप्रदाय के तहत विशेष पूजन करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा गठित धार्मिक समिति का गठन किया गया है। जिसके तहत पुजारी को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक राम जन्मभूमि परिसर में ही पुजारी के रहने की जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।

वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ धाम में नियुक्त पुजारी कर्मचारी और सेवादारों की नियुक्ति के लिए नई सेवा नियमावली तैयार हो चुकी है। अब उनको कॉलेज प्रवक्ता के बराबर वेतन, पदोन्नति के साथ ही छुट्टियों का भी लाभ मिलेगा। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने पुजारी, कर्मचारी और सेवादारों की नियुक्ति की नई सेवा नियमावली तैयार की है। यह नियमावली 40 साल बाद बनाई गई है और देश भर के देवस्थान, मंदिर और ट्रस्ट के लिए नजीर बनेगी। नई सेवा नियमावली में पुजारियों को इंटर कॉलेज के प्रवक्ता के वेतनमान के समान वेतन देने की संस्तुति की गई है। इसके अलावा, पुजारियों को समय-समय पर पदोन्नति का भी प्रस्ताव दिया गया है। राज्य कर्मियों की तरह अर्चकों को ग्रेड व मैट्रिक्स दिया जाएगा। मंदिर में नियुक्त होने वाले कर्मचारी और सेवादारों के लिए भी नियमावली का मसौदा तैयार किया गया है।समिति के प्रमुख सदस्यों में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, प्रो. ब्रजभूषण ओझा शामिल हैं। न्यास ने नियमावली तैयार करके परीक्षण के लिए मंडलायुक्त के पास भेज दिया है। मंडलायुक्त से परीक्षण के बाद नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा।

 

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