मणिपुर में लापता हुए 6 लोगों के शव मिलने के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए हैं। ये मंत्रियों, विधायकों के घरों को निशाना बना रहे हैं, जिसके चलते इंफाल सहित कई जिलों में कर्फ्यू लग गया है और इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई है।

इन सब के बीच लोग उग्रवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने छह मासूम लोगों का अपहरण करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया। नागरिक समाज समूह के प्रतिनिधियों की ओर से सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है और कहा गया है कि उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है। इस बीच सरकार की ओर से तमाम इलाकों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

बता दें कि जिरीबाम जिले की बराक नदी में आठ महीने के बच्चे सहित छह शव बरामद किए जाने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया। बता दें कि सुरक्षाकर्मियों की उग्रवादियों के साथ एनकाउंटर के दौरान 6 लोग लापता हो गए थे। माना जा रहा था कि इन लोगों का उग्रवादियों ने अपहरण किया है। जिसके बाद इन लोगों का शव बरामद किया गया, जिसके बाद हालात काफी बिगड़ गए।

एनकाउंटर के दौरान सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई में 10 हथियारबंद कुकी लोगों की जान चली गई थी। जिसके बाद स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। मैतेई नागरिक के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा कि राज्यों के सभी प्रतिनिधियों और सभी विधायकों को एक साथ बैठकर इस संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए कुछ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।

साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को लेकर सख्त चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा कि अगर वे मणिपुर के लोगों की संतुष्टि के लिए कोई निर्णय नहीं लेते हैं, तो उन्हें लोगों के असंतोष का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हमने भारत सरकार और मणिपुर सरकार को सभी सशस्त्र समूहों के खिलाफ कुछ निर्णायक कार्रवाई और सैन्य कार्रवाई करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।

क्षेत्र में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) लागू करने पर भी स्थानीय समूहों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि यह कानून अशांति को कम करने के बजाय लोगों के बीच अविश्वास और गुस्से को बढ़ाता है। COCOMI की मांगें स्पष्ट हैं, उग्रवादियों के खिलाफ तत्काल सैन्य कार्रवाई और AFSPA को निरस्त किया जाना चाहिए, साथ ही अथौबा ने चेतावनी दी है कि अगर इन मांगों को तुरंत पूरा नहीं किया गया तो जनता में भारी विरोध होगा।

गौर करने वाली बात है कि प्रदर्शनकारियों ने तीन राज्य मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला बोला था, यहां तोड़फोड़ की थी। इनमे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह सिंह के दामाद, भाजपा विधायक आरके इमो सिंह भी शामिल थे। जिनकी संपत्ति में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। नगर प्रशासन मंत्री वाई खेमचंद और उपभोक्ता मामलों के मंत्री एल सुसिंड्रो सिंह के घरों पर भी हमले हुए, जिसके कारण सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights