एक निर्णायक कदम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी वीके सक्सेना से निर्देश मिलने के कुछ दिनों बाद शनिवार को प्रदूषण विरोधी कर्तव्यों के लिए 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) को बहाल करने की घोषणा की। पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव पर एलजी सक्सेना द्वारा बर्खास्त किए जाने से पहले इन सीडीवी को बस मार्शल के रूप में नियुक्त किया गया था।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा कि इस दिशा में प्रस्ताव पारित हो गया है और सोमवार से बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने नौकरी पर रहते हुए उनकी सेवाएं समाप्त करने और उनका वेतन रोकने के लिए भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि दिल्ली में प्रदूषण के ख़िलाफ़ युद्ध में 10,000 बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने इनकी नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है और सोमवार से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने अपनी गंदी राजनीति से इनका रोजगार छीना लेकिन अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार ने मार्शलों को दोबारा रोजगार देने का काम किया है। ये प्रमाण है कि, भाजपा चाहे जितने षड्यंत्र रचे लेकिन “आप” सरकार हर मुश्किल से लड़ते हुए दिल्लीवालों के काम करवाती रहेगी। विशेष रूप से, 24 अक्टूबर को, दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने अगले चार महीनों के लिए राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) की तैनाती का निर्देश दिया था।

एलजी सक्सेना का निर्देश दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के दौरान आया, जिसकी वह अध्यक्षता करते हैं। दिल्ली एलजी के निर्देश के अनुसार, चार महीने का कार्यकाल 1 नवंबर से शुरू होना था। सक्सेना ने जीएनसीटीडी और मुख्यमंत्री को उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद अपने भविष्य के जुड़ाव के लिए अंतरिम रूप से एक ठोस योजना लाने की सलाह दी थी, ताकि वे फिर से गुमराह न हों और चार महीने की अंतरिम अवधि में आजीविका के नुकसान का सामना न करें।

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