मुजफ्फरनगर। जागाहेड़ी टोल प्लाजा के लिए शुल्क की दरों को लेकर फिर विवाद हो सकता है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान की मौजूदगी में 30 किमी के दायरे के गांवों को नि:शुल्क निकालने पर सहमति बनी थी, लेकिन ठेकेदार कंपनी अब एक हजार यात्राओं के लिए 330 रुपये के पास का प्रावधान कर सकती है। जबकि काजीखेड़ा, जागाहेड़ी और पीनना के वाहन नि:शुल्क निकलेंगे।
एनएचएआई ने तय किया था कि टोल के बीस किमी के दायरे में गैर वाणिज्यिक वाहनों का मासिक पास 330 रुपये में बनेगा। कार, जीप, वैन या अन्य हल्के वाहनों से एक तरफ का टोल 85 रुपये वसूला जाएगा। टोल को लेकर हंगामा शुरू हुआ तो केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान की मौजूदगी में एनएचएआई के परियोजना निदेशक और ठेकेदार कंपनी के कर्मचारियों की बैठक हुई। तय किया गया था कि 30 किमी के दायरे में आने वाले गांव के लोगों के निजी वाहनों से कोई टोल नहीं लिया जाएगा।

लेकिन इसमें फिर से फेरबदल करने की तैयारी है। असल में कुछ वाहनों से फास्टैग के जरिए टोल कटा है। अब ठेकेदार कंपनी 330 रुपये के विशेष फास्टैग से एक हजार यात्राएं कराने की तैयारी है। हालांकि यह नियम अभी लागू नहीं हुआ है। टोल मैनेजर आशीष राय का कहना है कि फास्टैग लाइन से टोल कटने की समस्या का समाधान निकालने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की जाएगी।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पानीपत-खटीमा हाईवे के दूसरे चरण मुजफ्फरनगर से शामली के बीच 41.38 किमी के लिए शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। परियोजना की पूंजी लागत 1869.48 करोड़ रुपये है। लागत की वसूली होने के बाद वाहनों पर टोल 40 प्रतिशत कम हो जाएगा।

कार, वैन, जीप या हल्के मोटन वाहन पर एकतरफ के 85 रुपये, दोनों तरफ के 130 रुपये और 50 यात्रा वाला मासिक पास 2855 रुपये में बनेगा। राष्ट्रीय परमिट के अलावा जिले में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहन से 45 रुपये शुल्क लिया जाएगा।
हल्के वाणिज्यिक वाहन, हल्के मालवाहक या मिनी बस के लिए एक तरफ के 140, दोनों तरफ 205, मासिक 50 यात्रा पर 4610 और जिले के वाहनों के लिए 70 रुपये प्रति यात्रा तय किए गए हैं।
दो धुरी वाली बस या ट्रक पर एकतरफ के 290, दोनों तरफ 435, मासिक पास 9660 लिए जाएंगे। राष्ट्रीय परमिट के अलावा जिले में पंजीकृत वाहन से 145 रुपये शुल्क लिया जाएगा।

टोल शुरू हो जाने के बाद रोडवेज और प्राइवेट बसों ने टिकट महंगा कर दिया है। इससे यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। साथ ही वाणिज्यिक वाहनों ने भी अपने किराए में बढ़ोतरी कर दी है। पहले कंपनी को रोजाना का ठेका 19.67 लाख रुपये में दिया गया था, लेकिन कंपनी ने ठेका सरेंडर कर दिया था। अब दोबारा से करीब नौ लाख रुपये में ठेका दिया जाएगा।

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