जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख विकार रसूल वानी ने सोमवार को ऐलान किया कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेगी।

इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा था कि उनकी पार्टी अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

फारूक अब्दुल्ला का यह बयान ‘गुप्कार अलायंस’ के विनाश के रूप में रेखांकित किया जा रहा है।

अगर पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनेगी, तो कांग्रेस नेशनल और पीडीपी के साथ आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का दावा कैसे कर सकती है?

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस पीएजीडी के घटक दलों में से एक भी नहीं है और अगर पीएजीडी के सदस्य सीट-बंटवारे के लिए एक-दूसरे की आंखों में नहीं देख सकते हैं, तो कांग्रेस जैसा बाहरी व्यक्ति उन्हें एक साथ कैसे समर्थन दे सकता है?

एनसी अध्यक्ष द्वारा जम्मू-कश्मीर में पांच लोकसभा सीटों और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में एक सीट पर अकेले चुनाव लड़ने के बयान के तुरंत बाद पीडीपी की बैठक हुई थी।

सीट शेयरिंग को लेकर डॉ. फारूक अब्दुल्ला के फैसले पर पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने अपना आक्रोश जाहिर किया था।

आंतरिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पीडीपी बैठक में यह फैसला लिया गया था कि नेशनल कांफ्रेंस घाटी के तीन लोकसभा सीटों में अपने उम्मीदवारों को उतारने का फैसला करती है, तब पीडीपी भी इन सभी तीनों लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारेगी।

उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता के बयान के तुरंत बाद कहा था कि कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे का विकल्प खत्म नहीं हुआ है और एनसी जम्मू-सांबा-रियासी लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत कर सकती है।

दूसरे दिलचस्प घटनाक्रम में डिप्टी चीफ मिनिस्टर और सीनियर लीडर मुजफ्फर हुसैन बेग ने रिपोर्टरों को बताया कि वो दोबारा से पीडीपी में शामिल नहीं हुए हैं।

यह तब हुआ जब बेग दिवंगत मुफ्ती सईद की बरसी पर उनकी समाधि पर गए थे और पीडीपी नेतृत्व ने उसी दिन घोषणा की थी कि बेग पीडीपी में लौट आए हैं।

बेग ने हाल ही में जम्मू शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक बैठक में भाग लिया और अपने लोगों के अनुकूल प्रमुख कार्यक्रमों के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा भी की।

बेग ने जम्मू में प्रधानमंत्री की सार्वजनिक सभा के मौके पर संवाददाताओं से कहा, “मैं एक गांव में रहता हूं और मुझे पता है कि प्रधानमंत्री ने आम आदमी के लिए कितना कुछ किया है।”

खबर है कि बेग दक्षिण कश्मीर अनंतनाग-राजौरी-पुंछ लोकसभा क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हो सकते हैं और उन्हें भाजपा का समर्थन प्राप्त होगा।

बेग जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी समुदाय से हैं। हाल ही में भारत सरकार ने समुदाय की 70 साल पुरानी मांग को पूरा करते हुए एसटी का दर्जा दिया था।

इन जमीनी हकीकतों को देखते हुए विकार रसूल वानी का यह बयान कि भाजपा के लिए विपक्ष को एकुजट किया जाएगा, यह एक ‘बेकार’ कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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