कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा के पार्टी से इस्तीफे पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। साय ने लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से यह खबर चर्चा में है कि राष्ट्रीय स्तर की महिला प्रवक्ता कांग्रेस भवन में अपने लोगों द्वारा अपमानित हुई। उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया और कांग्रेसी नारी न्याय की बात करते हैं।
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क है। जिसके कारण आज कांग्रेस की दुर्गति हो रही है। देश में 55-60 साल तक एकछत्र राज करने वाले आज विलुप्ति की ओर बढ़ते जा रहे हैं। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला से विवाद के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
राधिका खेड़ा ने रविवार को कहा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं। उन्होंने कहा कि हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं। राधिका ने कहा कि अपने और देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी।
पिछले कुछ दिनों से यह खबर चर्चा में है कि राष्ट्रीय स्तर की महिला प्रवक्ता कांग्रेस भवन में अपने लोगों द्वारा अपमानित हुई। उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया और कांग्रेसी नारी न्याय की बात करते हैं। उसके कथनी और करनी में फर्क है। जिसके कारण आज कांग्रेस की दुर्गति हो रही है। देश में… pic.twitter.com/273GNTjhBH
— Vishnu Deo Sai (Modi Ka Parivar) (@vishnudsai) May 5, 2024 ” data-loaded=”true”>
पिछले कुछ दिनों से यह खबर चर्चा में है कि राष्ट्रीय स्तर की महिला प्रवक्ता कांग्रेस भवन में अपने लोगों द्वारा अपमानित हुई। उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया और कांग्रेसी नारी न्याय की बात करते हैं। उसके कथनी और करनी में फर्क है। जिसके कारण आज कांग्रेस की दुर्गति हो रही है। देश में… pic.twitter.com/273GNTjhBH
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राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। राधिका ने लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए। जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया। आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई।