भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की मौजूदगी में टोरंटो में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थक नारेबाजी पर सोमवार को कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया।
विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में नारेबाजी की घटना को ‘‘परेशान करने वाला’’ बताया और कहा कि यह एक बार फिर उस राजनीतिक स्थान को दर्शाता है जो कनाडा में ‘‘अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा’’ को दिया गया है।
इसने कहा कि इस तरह की घटना न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती है, बल्कि कनाडा में उसके अपने नागरिकों के लिए हिंसा और अपराध के माहौल को भी बढ़ावा देती है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘कनाडा के उप उच्चायुक्त को एक कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थक नारेबाजी के संबंध में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। इस कार्यक्रम को कनाडा के प्रधानमंत्री ने संबोधित किया था।’’
टोरंटो में आयोजित कार्यक्रम के एक दिन बाद उप उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया गया। कार्यक्रम में अपने संबोधन में ट्रूडो ने सिख समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कनाडा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कार्यक्रम में इस तरह की परेशान करने घटना को अनियंत्रित रूप से जारी रखने की अनुमति दिए जाने पर भारत सरकार ने गहरी चिंता और कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘यह एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दी गई राजनीतिक जगह को दर्शाता है।’’
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटना न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती है बल्कि कनाडा में उसके अपने नागरिकों के लिए हिंसा और अपराध के माहौल को भी बढ़ावा देती है।
कनाडा के प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के संबंध में सितंबर में ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ बताते हुए खारिज किया था।