राहुल गांधी के लिए एक बार फिर से खतरे की घंटी बजी है। मामला है भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी का।

राहुल के खिलाफ दाखिल परिवाद को खारिज किए जाने के निचली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को जिला जज अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।

कोर्ट ने निगरानी याचिका पर सुनवाई के लिए राहुल गांधी को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए एक नवंबर की तारीख तय की है। साथ ही पत्रावली को सुनवाई के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट मे स्थानांतरित कर दिया है।

याचिकाकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने एमपी/एमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी दी थी। इसमें आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ 17 नवंबर 2022 को अकोला महाराष्ट्र में जानबूझकर टिप्पणी की थी। राहुल गांधी ने देश के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है।
राहुल गांधी ने निरंतर अंग्रेजों का पेंशनर, अंग्रेजों का नौकर, मददगार, अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर अनेकों दोषारोपण किया। निचली अदालत ने पहले इस अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन बाद में परिवाद को क्षेत्राधिकार के बाहर का बताते हुए खारिज कर दिया था। निचली कोर्ट के इसी आदेश को निगरानी याचिका के जरिये चुनौती दी गई है।

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