भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में महिलाओं के मुद्दों पर खुलकर बात करने की सलाह दी। शनिवार को बेंगलुरु में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के 31वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में उन्होंने छात्रों को संबोधित किया।
उन्होंने छात्रों से कहा कि एक अच्छा वकील बनने के लिए एक अच्छा इंसान बनना जरूरी है। इसी के साथ सीजेआई ने लॉ स्टूडेंट्स से लैंगिक संवेदनशीलता पर फोकस करने की अपील की।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वर्क लोकेशन को महिलाओं के लिए अनुकूल बनाने की अहमियत पर जोर देते हुए बताया कि कैसे उनके साथ करने वाली महिला कानून क्लर्क मासिक धर्म में ऐंठन से पीड़ित होने पर घर से काम (Wok From Home) करने के लिए कहती हैं।
उन्होंने महिलाओं के मासिक धर्म के मुद्दे पर बात की। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा मेरे कानून क्लर्कों के लिए सुबह में मुझे फोन करना और मासिक धर्म के कारण घर से काम करने का अनुरोध करना असामान्य बात नहीं है। मैं उन्हें घर से काम करने की अनुमति देता हूं।
उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हम ये बातचीत करें। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हम ये बातचीत एक साधारण कारण से करते हैं, लेकिन हम यह दिखावा नहीं कर सकते कि ये मुद्दे हमारे समाज में मौजूद नहीं हैं।”
VIDEO | “It’s important that we have these conversations (about menstrual cramps). It’s important because we have these conversations for a simple reason, but we cannot pretend that these issues do not exist in our society,” says CJI DY Chandrachud at an event in Bengaluru,… pic.twitter.com/NRPpl4Ia4O
— Press Trust of India (@PTI_News) August 26, 2023
उन्होंने पूरा वाक्या सुनाते हुए कहा, “पिछले साल मेरे 5 लॉ क्लर्कों में से 4 महिलाएं थीं। उनके लिए यह असामान्य बात नहीं है कि वे मुझे सुबह फोन करें और कहें, सर.. क्या यह ठीक रहेगा अगर मैं आज घर से काम करूं, क्योंकि मैं मासिक धर्म में ऐंठन से पीड़ित हूं।”
उन्होंने आगे कहा, ” मैं उनसे कहता हूं कि कृपया बेझिझक घर से काम करें, लेकिन अपने स्वास्थ्य और आराम का ध्यान रखें, क्योंकि स्वास्थ्य सबसे पहले आता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम ये बातचीत करें। हम यह दिखावा नहीं कर सकते कि ये मुद्दे मौजूद ही नहीं हैं।