नोएडा पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने वाहन चोर गिरोह के आठ शातिरों को गिरफ्तार किया है, जो ऑन डिमांड लग्जरी गाड़ियां चुराने का काम करते थे। उनके पास से 2.5 करोड़ कीमत की 10 लग्जरी गाड़ियां बरामद हुई है, जो अलग-अलग राज्यों से चुराई गई थी।

पकड़ी गई गाड़ियों में कुछ ऐसी हैं, जिनका अभी तक नंबर अलॉट नहीं हुआ है। सेक्टर 20 और फेस-1 थाना पुलिस के सयुंक्त प्रयास से अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के 8 शातिर गिरफ्तार हुए। इनके पास से 9 ईसीएम और 1 पिस्टल बरामद हुए।

गिरफ्तार चोरों की शिनाख्त इमरान उर्फ टट्टी, मोनू उर्फ जमशेद, फरनाम, राशिद उर्फ काला, शाहिवजादा, साकिब उर्फ गद्दू, रोहित मित्तल और रंजीत सिंह के रूप में हुई है। इसका मास्टरमाइंड साकिब उर्फ गद्दू है। गिरोह दिल्ली-एनसीआर और गाजियाबाद से फॉर्च्यूनर, स्कार्पियो, इनोवा, क्रेटा, बलेनो जैसी लग्जरी कार चोरी करता था।

पहले गिरोह के सदस्य गाड़ियों की डिमांड के अनुसार रेकी करते थे। इसके बाद गाड़ी के शीशे को तोड़कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया जाता था। यदि कार पुश बटन स्टार्ट होती है तो मो. फरमान और राशिद उर्फ काला “की प्रोग्रामिंग डिवाइस” को एक कार से कनेक्ट कर प्रोग्रामिंग के जरिए “रिमोट की” तैयार करके कार स्टार्ट करते थे।

कार चोरी में 3 से 4 मिनट लगते थे। इस दौरान गिरोह के अन्य लोग आसपास नजर भी रखते थे। कार स्टार्ट होते ही बताए गए जगह पर बुलाया जाता था। एक दिन में कम से कम दो से तीन गाड़ियां चुराई जाती थी।

गिरोह फार्च्यूनर को 8-10 लाख, स्कॉर्पियो को 5-6 लाख, क्रेटा को 3-4 लाख, ब्रेजा और स्विफ्ट को 1-2 लाख रूपये में ऑन डिमांड फर्जी दस्तावेज तैयार कर रोहित मित्तल, रंजीत, बप्पा को बेचकर पंजाब, जयपुर, हैदराबाद जैसी जगहों पर भेज देते थे।

इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि हमेशा सेकेंड हैंड गाड़ियां ऑथोराइज डीलर से खरीदें। गाड़ी खरीदने से पहले सर्वे कराएं और बीमा कवर की भी जानकारी लें। गाड़ी की चाबी में रिमोट नहीं है तो उस स्थिति में गाड़ी की खरीदारी ना करें। गाड़ी का जीपीएस काम नहीं कर रहा है तो जांच करें। किसी भी सेकेंड हैंड गाड़ी को खरीदते समय पुष्टि कर लें कि गाड़ी की दो चाबियां है या नहीं।

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