कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कहा कि सरकार की संसदीय प्रणाली में एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई जगह नहीं है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस इसका विरोध करती है।

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की उच्च स्तरीय समिति के सचिव नितेन चंद्रा को लिखे पत्र में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘उनकी पार्टी (कांग्रेस) इस विचार का कड़ा विरोध करती है और इसे छोड़ दिया जाना चाहिए। साथ ही इसके लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिए। इसपर रिसर्च कर इसे भंग किया जाए।’

खड़गे ने कहा कि एक साथ चुनाव संविधान में निहित संघवाद की गारंटी और संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, ”कांग्रेस पार्टी और देश के लोगों की ओर से, मैं उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे संविधान को नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उनके व्यक्तित्व और भारत के पूर्व राष्ट्रपति के पद का दुरुपयोग न करने दें। ”

खड़गे ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कई विधानसभाओं को भंग करने की जरूरत होगी जो अभी भी अपने कार्यकाल के आधे या उससे भी कम समय में हैं और यह उन राज्यों में मतदाताओं के साथ विश्वासघात करने जैसा हो जाएगा।

खड़गे ने कहा, “उस देश में एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई जगह नहीं है, जिसने सरकार की संसदीय प्रणाली अपनाई है। सरकार द्वारा एक साथ चुनाव कराने के ऐसे तरीके संविधान में निहित संघवाद की गारंटी के खिलाफ हैं।”

 

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