लखनऊ: केंद्र द्वारा ‘एक राष्‍ट्र-एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए समिति गठित करने के कदम पर समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार इस बार लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव एक साथ कराके भी देख ले। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है।

इसी के मद्देनजर हम यह सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोकसभा चुनाव और देश की सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव एक साथ कराके देख ले।” उन्होंने कहा, “इससे एक तरफ चुनाव आयोग की क्षमता भी सामने आ जाएगी और जनमत भी। साथ ही भाजपा को यह भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह पार्टी से आक्रोशित है और उसे सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है।”  केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

ऐसे में सवाल है कि आखिर यह एक देश, एक चुनाव (One Nation, One Election) क्या है? दरअसल, ‘एक देश एक चुनाव’ एक प्रस्ताव है जिसमें लोकसभा (भारतीय संसद के निचले सदन) और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया गया है। इसका मतलब है कि चुनाव पूरे देश में एक ही चरण में होंगे। मौजूदा समय में हर पांच साल बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए हर 3 से 5 साल में चुनाव होते हैं।

 

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