प्रयागराज: माफिया-राजनेता पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ ​​अशरफ को 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में माफिया अतीक अहमद समेत 10 आरोपियों में 3 को आदालत ने दोषी पाया है। जब कि 7 को दोष मुक्त कर दिया है। दोपह बाद MP-MLA कोर्ट सजा का एलान करेगा। कोर्ट के फैसले को सुनते ही फूट फूटकर माफिया का भाई कोर्ट रूम में रोने लगा। वहीं माफिया अतीक अहम दो माथे पर हाथ रख कर सन्न रह गया। कोर्ट के बाहर भीड़ ने दोषियों को फांसी देने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की।

तीन आरोपियों में अतीक अहमद, दिनेश पासी, खान सौलत हनीफ को आदालत ने दोषी पाया है। सौलत हनीफ को अन्य भारतीय दंड संहिता की धारा 364 व अतीक अहमद व दिनेश पासी को 147,148,149,341,342,364अ,120बी की धाराओं में आरोप तय हुआ है। जब कि 10 में 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट दो बजे के बाद कभी अपना फैसला सुना सकता है।

बता दें कि अहमद और अशरफ पर 2005 में राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था।

उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र रहा, फिलहाल इस मामले में माफिया समेत 03 आरोपी पर दोष सिद्ध हुआ है। शेष सात को बरी होग गए है।

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