अबकी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बेड़ीनाग क्षेत्र में एक गुफा मिली है। गुफा की दीवारों पर प्रागैतिहासिक कालीन चित्रकारी मिली है। पुरातत्व और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रहे काफल हिल एडवेंचर क्लब के अध्यक्ष तरुण मेहरा ने बेड़ीनाग कॉलेज के पास की पहाड़ी पर यह गुफा खोज निकाली है। तरुण जब गुफा के भीतर गए तो दीवारों पर बने चित्रों को देखकर वह दंग रह गए। गुफा की दीवारों पर विशेष रंग से प्रागैतिहासिक काल के भित्ती चित्र उकेरे गए हैं। गुफा की खोज का मामला सामने आते ही मौके पर भीड़ जमा हो गई थी। अब जल्द ही पुरातत्व विभाग की टीम यहां अध्ययन को पहुंचने वाली है।
बेड़ीनाग में खोजी गई प्रागैतिहासिक कालीन गुफा की दीवारों पर एक स्थान पर करीब 11 पुरुष-महिलाओं के चित्र उकेरे गए हैं। इन चित्रों के ठीक नीचे एक पशु का चित्र भी है। माना जा रहा है कि उस काल में आदि मानव पशुओं के आखेट में निपुण हो गए थे। आदि मानव आखेट के बाद पशुओं को इस गुफा में लाते होंगे।

तरुण के मुताबिक इस गुफा में वर्ष 1856 में चम्पावत जिले में मिली प्राचीन ओखली की तरह की ही एक ओखली भी है। शिलाओं पर लाल, काले और सफेद रंग में उंगलियों से मनुष्य और जानवरों के चित्र उकेरे गए हैं। जिस स्थान पर गुफा है वहां रस्सी के सहारे 20 फीट ऊपर चढ़कर पहुंचा जा सकता है। पहाड़ी पर रास्ता संकरा है। इस रास्ते पर रस्सी के सहारे 100 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

ऐसी ही एक गुफा अल्मोड़ा जिले में पिथौरागढ़ हाईवे के किनारे पेटशाल के पास लखुउडियार नामक स्थान पर 1965 में खोजी जा चुकी है। लखुउडियार की गुफा की दीवारों पर भी प्रागैतिहासिक कालीन भित्ती चित्र उकेरे गए हैं। इस गुफा का संरक्षण क्षेत्रीय पुरातत्व विभाग कर रहा है।

क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान ने बेड़ीनाग में गुफा की खोज को एतिहासिक करार दिया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही गुफा का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगाा। चौहान के मुताबिक यदि यह प्रागैतिहासिक कालीन चित्र हुए तो यह गुफा मिलना पिथौरागढ़ जनपद के लिए भी बड़ी उपलब्धि होगी।

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