उत्तराखंड के अल्मोडा जिले में जंगल की आग बुझाने की कोशिश के दौरान तीन मजदूरों की मौत हो गई। जबकि एक अन्य महिला गंभीर रुप से घायल है। घटना में घायल महिला का अभी STH में इलाज चल रहा है। उसकी हालत भी नाजुक बताई जा रही है। हादसे में झुलसे कुल चार लोगों में से तीन की अब तक मौत हो गई है। स्यूनराकोट ग्राम पंचायत के जंगल में अचानक आग धधक गई। आग तेजी से चारों और फैलने लगी। इस बीच चार नेपाली मजदूर आग बुझाने में जुट गए, लेकिन आग की तेज लपटों के बीच चार मजदूर बुरी तरह झुलस गए। आग में झुलसे से एक मजदूर दीपक पुजारा 35 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि आग में बुरी तरह झुलसे तीन अन्य मजदूरों को ग्रामीणों ने बेस अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान देर रात ज्ञान बहादुर 40 वर्ष ने भी दम तोड़ दिया। झुलसे दो अन्य श्रमिकों तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। इलाज के दौरान तारा ने भी दम तोड़ दिया। अब हादसे में गंभीर रूप से घायल पूजा ही बची है। उसकी हालत भी नाजुक है।
जंगल में लगी आग को बुझाने के दौरान झुलसे मजदूरों की मौत के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है। वन विभाग ने जहां आग लगने की घटना की जांच शुरू कर दी है। वहीं अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही हैं।
जंगल की आग की चपेट में आकर मरे मजदूरों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठने लगी है। क्षेत्रवासियों ने कहा कि जल्द पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। जंगल की आग से मारे जाने पर शासन की ओर से चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्चा भी दिया जाता है।
पिछले दो हफ़्तों से, उत्तराखंड में जंगल की आग भड़क रही है, ख़ासकर कुमाऊँ क्षेत्र में जिसमें अल्मोडा जिला भी शामिल है। पहाड़ी राज्य में शुक्रवार को जंगल में आग लगने की 64 घटनाएं दर्ज की गईं इसमें गढ़वाल में 30, कुमाऊं में 29 और वन्यजीव प्रशासनिक क्षेत्र में पांच। राज्य में जंगल की आग की घटनाओं के नोडल अधिकारी निशांत वर्मा ने कहा कि पिछले छह महीनों में जंगल की आग से 1,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है।
भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) के आंकड़ों के मुताबिक 25 अप्रैल से 2 मई के बीच पूरे देश में उत्तराखंड में सबसे ज्यादा जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गईं। उस अवधि में हिमालयी राज्य में सबसे अधिक 241 बड़ी जंगल आग की घटनाएं दर्ज की गईं, इसके बाद ओडिशा (231), छत्तीसगढ़ (36), आंध्र प्रदेश (83), और झारखंड (79) का नंबर है।