उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया। इसमें लखनऊ, मथुरा, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, प्रतापगढ़, गाजियाबाद और सुल्तानपुर समेत कई जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) शामिल हैं। यह फेरबदल प्रशासनिक सुधार और शासन के सुचारू संचालन के लिए किया गया है।
मुख्य बिंदु
सूर्यपाल गंगवार: लखनऊ के जिलाधिकारी से सचिव मुख्यमंत्री बनाए गए।
विशाख जी: अलीगढ़ से लखनऊ के नए डीएम नियुक्त।
रितु माहेश्वरी: आगरा मंडल आयुक्त से सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बनाई गईं।
श्रुति: यमुना एक्सप्रेस वे की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बुलंदशहर की डीएम बनीं।
डॉ. विजय कुमार सिंह: फर्रुखाबाद के डीएम से मेरठ के डीएम नियुक्त।
प्रमुख तबादले: कौन कहां गया?
लखनऊ: सूर्यपाल गंगवार, जो अब तक लखनऊ के डीएम थे, उन्हें सचिव मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है।
उनकी जगह विशाख जी अलीगढ़ से आकर लखनऊ के नए डीएम बने।
मेरठ: मेरठ के आयुक्त सेल्वा कुमारी जे को सचिव नियोजन एवं महानिदेशक बनाया गया।
डॉ. विजय कुमार सिंह, जो फर्रुखाबाद के डीएम थे, मेरठ के नए डीएम बने।
बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह को मथुरा का डीएम नियुक्त किया गया।
बुलंदशहर: यमुना एक्सप्रेस वे की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रुति को बुलंदशहर का डीएम बनाया गया।
मेरठ के डीएम दीपक मीणा को गाजियाबाद का नया डीएम नियुक्त किया गया।
प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ के डीएम विशाख जी को अलीगढ़ का डीएम बनाया गया।
शिव सहाय अवस्थी, विशेष सचिव चिकित्सा, अब प्रतापगढ़ के नए डीएम होंगे।
सुल्तानपुर: सुल्तानपुर की डीएम कृतिका ज्योत्सना को विशेष सचिव राजस्व विभाग के रूप में स्थानांतरित किया गया।
कुमार हर्ष, विशेष सचिव मुख्यमंत्री, अब सुल्तानपुर के डीएम होंगे।
तबादले की सूची में अन्य प्रमुख नाम
- राकेश कुमार सिंह: कानपुर नगर के डीएम से सचिव मुख्यमंत्री नियुक्त।
- अंकित कुमार अग्रवाल: बिजनौर के डीएम से निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण बने।
- जसजीत कौर: मेरठ की अपर आयुक्त से बिजनौर की डीएम बनीं।
- नागेन्द्र प्रताप: बांदा के डीएम से यमुना एक्सप्रेस वे के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी बने।
- जे. रीभा: निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण से बांदा की डीएम बनीं।
सरकार का उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस फेरबदल का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाना और जनता तक सरकारी योजनाओं को तेजी से पहुंचाना है। तबादलों के पीछे मुख्य कारण जिलों में विकास कार्यों में तेजी लाना, कानून-व्यवस्था को मजबूत करना, और विभिन्न सरकारी परियोजनाओं की निगरानी में सुधार करना है।
प्रभावित जिलों का महत्व
लखनऊ, मेरठ, आगरा और गाजियाबाद जैसे जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों का चयन उनकी विशेषज्ञता और अनुभव को ध्यान में रखकर किया गया है। ये जिले विकास, व्यापार और कानून-व्यवस्था के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
विशेषज्ञों की राय
प्रशासनिक फेरबदल को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सुशासन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि विकास कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी।