समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाला सामने आने के बाद देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की किरकिरी हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी दल को चंदा स्वेच्छा से दिया जाता है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव में ईडी और सीबीआई के जरिए लोगों से जबरिया वसूली की जा रही है।
सैफई में होली के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हजारों करोड़ों रुपए के इलेक्ट्रोरल बॉन्ड का घोटाला सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कठघरे में खड़ी हो गई है। दुनिया भर में इस मामले को लेकर भाजपा की किरकिरी हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी दल को चंदा स्वेच्छा से दिया जाता है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव में ईडी और सीबीआई के जरिए लोगों से जबरिया वसूली की जा रही है। उन्होने कहा ‘‘ हम सबको मिलकर के लगातार अन्याय के खिलाफ लड़ते रहना है। यह 2024 का लोकसभा चुनाव हमारे देश का भविष्य तय करेगा।”
सपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरीके से समुद्र मंथन हुआ था, वैसे ही इस बार संविधान मंथन होने जा रहा है। इस संविधान मंथन में ऐसे वह लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं और दूसरी तरफ वह लोग हैं जो संविधान को खत्म करना चाहते हैं। यह चुनाव संविधान बचाने का भी चुनाव है। संविधान बचेगा तभी लोकतंत्र बचेगा। उन्होंने कहा ‘‘ आज जहां हम लोग होली का त्यौहार मना रहे हैं। यह बहुरंगी रंगों का त्योहार है मगर कई लोगों को सिर्फ एक रंग पसंद है। हमारा लोकतंत्र तब मजबूत होगा जो बहुरंगी होगा। इसलिए यह चुनाव हमारी और आपके लिए परीक्षा का चुनाव है। सभी समाजवादियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे मुलायम और लोहिया की विचारधारा को और ऊंचाई तक लेकर जाए।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की तैयारी 51 फीसदी से अधिक वोट को ध्यान में रख कर है। इसलिए हमारे कार्यकर्ता अपने-अपने बूथ को बचाएं। बूथ परसेंट बढ़ाये 51 फीसदी से आगे ले जाए। वोट डालने से लेकर वोट पड़वाने तक हमें पूरी तरह सावधान रहना है अगर सावधान नहीं रहे तो इस बार लोकतंत्र नहीं बचेगा हमें आपको जो अधिकार मिले वह सब छीन लिए जाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार जानबूझकर परीक्षा लीक करा रही है। क्योंकि नौकरी ना देना पड़े अगर नौकरी देंगे तो आरक्षण देना पड़ेगा। करीब 60 लाख बच्चे पेपर लीक होने से प्रभावित हुए हैं। अगर उन बच्चों के परिवार के तीनो लोगों में सिफर् मां बाप को हम जोड़ दें तो एक करोड़ 80 लाख हो रहे हैं। 80 लोकसभा से हम भाग दे दे तो हर लोकसभा में इनका दो लाख वोट कम हो जाएगा।