इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी। हालांकि, अदालत ने सजा पर रोक लगाने की उनकी अर्जी खारिज कर दी।
सोलंकी की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की पीठ द्वारा पारित किया गया। अदालत ने इस मामले में सजा बढ़ाने की राज्य सरकार की भी अपील खारिज कर दी। जाजमऊ इलाके में डिफेंस कॉलोनी निवासी फातिमा के मकान में आगजनी करने के आरोप में इरफान सोलंकी पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की जमानत की खबर सुनते ही सीसामऊ से सपा उम्मीदवार और इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी ने खुशी जाहिर करते कहा है कि चुनाव से पहले हमारे लिए यह एक अच्छा संदेश है। सजा के खिलाए हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
सात जून 2024 के अपने आदेश में कानपुर की एक विशेष अदालत ने सोलंकी और चार अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। कानपुर की विशेष अदालत के निर्णय के खिलाफ दायर मौजूदा अपील में जमानत के साथ ही सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। वहीं दूसरी ओर, राज्य सरकार ने सजा बढ़ाने के लिए अपील दायर की थी।