लेबनान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है, कि हिज्बुल्लाह ने इजराइल के साथ युद्ध विराम के लिए अमेरिका के प्रस्ताव पर सहमति जता दी है। यानि, हिज्बुल्लाह युद्धविराम समझौते के लिए तैयार हो गया है।

पिछले सप्ताह, लेबनान में अमेरिकी राजदूत लिसा जॉनसन ने लेबनानी संसद के अध्यक्ष नबीह बेरी को युद्ध विराम का प्रस्ताव सौंपा था, जो हिज्बुल्लाह के सहयोगी हैं और ईरान समर्थित और लेबनान स्थित आतंकवादी समूह के साथ होने वाली बातचीत में मध्यस्थ हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, अब बेरी के सहयोगी अली हसन खलील ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया है, कि लेबनान सरकार और हिजबुल्लाह दोनों ने अमेरिका के युद्ध विराम प्रस्ताव पर सहमति जताई है, लेकिन युद्ध विराम प्रस्ताव को लेकर हिब्जुल्लाह ने कुछ टिप्पणियां भी की हैं।

खलील ने कहा, “लेबनान ने सकारात्मक माहौल में पेपर पर अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत कीं हैं। हमने जो भी टिप्पणियां प्रस्तुत कीं, वे सभी (संयुक्त राष्ट्र) संकल्प 1701 के सभी प्रावधानों के साथ सटीक पालन की पुष्टि करती हैं।”

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) संकल्प 1701 ने 2006 के इजराइल-हिज़्बुल्लाह युद्ध को समाप्त कर दिया। इसके तहत सभी गैर-राज्य लेबनानी सशस्त्र समूहों को देश के दक्षिणी क्षेत्र से हटना पड़ा था, जो इजराइल की सीमा से सटा हुआ है। लेकिन, हिज्बुल्लाह ने कभी भी इस क्षेत्र को निरस्त्र या खाली नहीं किया। युद्धविराम प्रस्ताव पर लेबनान की प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मध्य पूर्व दूत अमोस होचस्टीन मंगलवार को बातचीत करने के लिए लेबनान पहुंच रहे हैं।

खलील ने कहा, कि अब गेंद इजरायल के पाले में है।

उन्होंने रॉयटर्स से कहा, कि अगर इजराइल समाधान नहीं चाहता है, तो वह “100 समस्याएं खड़ी कर सकता है”।

हालांकि, युद्ध विराम प्रस्ताव के बारे में हिज्बुल्लाह या इजराइल की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई।

खलील ने कहा, कि इजराइल की स्थिति के बावजूद, जिसमें “आग के नीचे” बातचीत करना शामिल है, जॉनसन को लिखित रूप में बताई गई लेबनान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से हिज्बुल्लाह लगभग हर दिन इजराइल के साथ टकराव कर रहा था, लेकिन संघर्ष एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध में बदल गया, जब इजरायल ने 30 सितंबर को लेबनान पर हमला किया।

हफ्तों तक भारी बमबारी के बाद, जिसमें प्रमुख हसन नसरल्लाह सहित कई हिजबुल्लाह नेता मारे गए, इसके कम्युनिकेशन नेटवर्क को नष्ट कर दिया और अन्य लक्ष्यों के अलावा इसके हथियार-भंडारण स्थलों को भी निशाना बनाया। हिज्बुल्लाह के करीब करीब सभी बड़े लीडर्स मारे जा चुके हैं।

हालांकि, खलील ने युद्धविराम प्रस्ताव की रूपरेखा नहीं बताई, लेकिन ऐसी रिपोर्टें हैं, कि इसमें युद्ध विराम की निगरानी के लिए एक तंत्र शामिल हो सकता है, जिसमें एक तीसरा पक्ष भी शामिल हो सकता है। ऐसी रिपोर्टें भी हैं, जिनमें कहा गया है, कि इजराइल ने ऐसा मॉनिटर बनने के लिए कहा है, और जरूरत पड़ने पर हिज्बुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लेबनान पर आक्रमण करने का अधिकार भी मांगा है, जो हिज्बुल्लाह को मंजूर नहीं है।

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