बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है, सुधारवादी नहीं।

बहुजन समाज की मुखिया मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक उत्पीड़न कुछ भी नहीं। क्या देश के ख़ासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है। अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित?”

उन्होंने आगे लिखा, “देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती।”

दरअसल मायावती अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कोटे के अंदर कोटे के फैसले पर मायावती अपनी प्रतिक्रिया दे रही थीं।

उधर, भाजपा से राज्यसभा सांसद ब्रजलाल का कहना है कि अनुसूचित जाति/ जनजाति आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय का स्वागत है। इस वर्ग के वे लोग जो आरक्षण का लाभ लेकर वरिष्ठ अधिकारी बन चुके हैं, कई पीढ़ियां लाभ पाकर संपन्न हो चुकी हैं, उनको इसका लाभ नहीं मिलना चाहिए। इस वर्ग के वंचित लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए।

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