अदालत ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 7 मई तक के लिए बढ़ा दी है। वहीं आरोप तय होने के मुद्दे पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने इस दौरान सिसोदिया के वकील के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की। वकीलों ने फिर माफी मांग ली।
सुनवाई के दौरान वकील कोर्ट के कमरे से बाहर चले गए थे। इसपर न्यायाधीश ने नाराज होते हुए कहा कि हमने तो उन्हें कोर्ट से बाहर जाने के लिए नहीं कहा था, हमारी अनुमति के बिना कैसे चले गए, ऐसा बर्ताव हम पहली बार देख रहे है।
सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने कहा था कि मामले में जांच तीन चार महीने में पूरी जो जाएगी, लेकिन अभी तक जांच चल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि अदालत ने भी अपने आदेश में कहा था कि अगर अगर जांच के दौरान किसी की गिरफ्तारी होती है तो आरोप तय होने पर सुनवाई शुरू नहीं होगी।
वकील ने यह भी कहा कि अदालत के इस आदेश के बाद भी गिरफ्तारी हुई है और इकबालिया बयान दर्ज किए गए हैं। ऐसे में आरोप तय होने पर सुनवाई शुरू नहीं होनी चाहिए।
सीबीआई के वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि अभी तक जितने आरोप पत्र दाखिल हुए हैं, उसी पर हम बहस करेंगे। नए आरोप पत्र या जिसकी जांच चल रही है, उसपर कोई बहस नहीं करेंगे।
न्यायाधीश ने कहा कि अभी तक हमको आपकी याचिका की कापी नहीं मिली है, आपको समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए थी जिससे आज आपकी याचिका पर सुनवाई हो सके। अगर आपने हाईकोर्ट में कोई याचिका दाखिल की है तो उसका आदेश दिखाइए।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अभी याचिका सुनवाई के लिए नहीं आई है।