लोकसभा में गुरुवार को वक्‍फ बोर्ड के पुराने नियमों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल 2024 (Waqf Amendment Bill) केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया। केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक मंत्री किरन रिजिजू के सदन में ये बिल पेश करते ही लोकसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया।

वहीं एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी इस बिल के सदन में पेश होते ही आगबबूला हो गए और उन्‍होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा आप मुसलमानों के दुश्‍मन हैं ये बिल इस बात का सबूत है। आइए जानते हैं ओवैसी ने इस बिल के विरोध में कौन-कौन सी दलीलें दीं।

सांसद ओवैसी ने संसद में इस वक्‍फ बोर्ड संसोधन बिल का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया ये विधेयक संविधान के अनुच्‍छेद 14 का उलंघन है जो सभी नागारिकों को उनकी अपनी आस्‍था का समान अधिकार देता है। उन्‍होंने सवाल उठाया कि आखिर मोदी सरकार को विधेयक को लाने की जरूरत क्‍यों पड़ी।

ओवैसी ने केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा मंदिरों की समितियों में कोई गैर-हिंदू नहीं हैं, फिर वक्‍फ बोर्ड की संपत्ति में इसकी क्‍या जरूरत है।

ओवैसी ने लोकसभा में तमतमाते हुए पूछा अगर कल को कोई आकर कहेगा कि मैं पांच साल इस्‍लाम प्रैक्टिस नहीं कर रहा हुं तो कौन ये निर्णय करेगा और अगर कोई नया शख्‍स इस्‍लाम में कंवर्ट तो क्‍या उसे वक्‍फ बोर्ड को अपनी संपत्ति देनी है तो क्‍या वो पांच साल तक इंतजार करेगा।

ओवैसी ने कहा इस तरह का प्रवाधान हिंदू और सिख गुरुद्वारा में नहीं है। तो ऐसे मैं ऐसे में आपसे जानना चाहता हूं कि ये जो आप विधेयक ला रहे हैं इससे आप देश को बांटने का काम कर रहे है, जोड़ने का काम नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही ओवैसी ने कहा आप मुसलमानों के दुश्‍मन हैं और इसका सबूत ये बिल है।

 

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