साफ सड़कें, चारों ओर हरियाली, सीसीटीवी कैमरे और बुजुर्गों के लिए खुले स्थानों के साथ भटपुरा गांव, सिर्फ शाहजहांपुर जिले ही नहीं बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश में एक नजीर बन गया है और अन्य गांवों को आधुनिक गांव बनने के लिए प्रेरित कर सकता है। करीब पांच हजार की आबादी वाला यह गांव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के सिंधौली प्रखंड के तहत आता है।
गांव के प्रधान अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि गांव में 4 सफाईकर्मी हैं जो यहां की सड़कें साफ सुथरी रखने के लिए दिन रात सफाई करते हैं। गुप्ता ने बताया कि, ‘‘हमारे गांव में अगर कोई बाहर का व्यक्ति कुछ खाकर छिलका आदि फेंक देता है तो उस रास्ते से गांव का जो भी व्यक्ति गुजरता है वह उस कूड़े को उठाकर गांव में जगह-जगह रखे गए कूड़ादान में डाल देता है।” उन्होंने कहा कि अपने गांव को विदेशी तर्ज पर विकसित करने के लिए उन्होंने ग्रामीणों को प्रेरित किया और गांव के चारों तरफ चार लाख पॉपुलर के पेड़ एवं पांच हजार फलदार एवं औषधीय पेड़ गांव के अंदर लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, वर्षा जल संचित करने के लिए गांव से बाहर और गांव के भीतर 26 तालाब भी बनवाए गए हैं। पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए गांव में सैकड़ों कृत्रिम घोंसले भी हैं। पूरे गांव में लगे ये घोंसले पक्षियों को आशियाना देते हैं, जिससे गांव में चिड़ियों की चहचहाहट बनी रहती है।” गुप्ता ने बताया, ‘‘उनका पूरा गांव 20 सीसीटीवी कैमरों से लैस है। हर नुक्कड़ पर कैमरे लगाए गए हैं जिससे इस गांव में लड़ाई झगड़ा, चोरी डकैती, हत्या जैसी वारदात बहुत समय से नहीं हुई है और अपराध ना के बराबर है।”
जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि उन्होंने भटपुरा गांव का निरीक्षण किया है और ग्राम प्रधान ने जो कार्य किया है उसके लिए ग्राम पंचायत को लखनऊ में मुख्यमंत्री द्वारा 11 लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘गांव में कई विकास कार्य हुए हैं। यहां गौशाला भी बनी है। जिनमें गायों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं तथा शिक्षा के लिए दो सरकारी और कई निजी विद्यालय हैं। सबसे खास बात यह है कि इस गांव में बुजुर्गों के बैठने के लिए ‘‘जमुना वाटिका” बनी है।” 70 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाला यह गांव हिंदू-मुस्लिम एकता और सौहार्द की एक मिसाल है।
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) त्रिभुवन ने कहा, ‘‘जिले के अन्य प्रधानों को भी इस गांव का दौरा करना चाहिए और उन्हें भी अपने गांवों में यह व्यवस्था लागू करनी चाहिए। इस गांव में जमीन संबंधी विवाद भी उनके पास ना के बराबर आते हैं।” पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने बताया कि थाना सिधौली के अंतर्गत आने वाले इस गांव में एक समिति बनी हुई है जो छोटे-मोटे विवाद का वहीं निपटारा कर देती है। उन्होंने कहा, ‘‘गांव में अपराध ना के बराबर है तथा यहां के निवासियों ने शराब से भी तौबा कर ली है।”