प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछली सरकारों के शासन के विपरीत आतंकवादी अब अपने घरों में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। दिल्ली में एचटी लीडरशिप समिट में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकारों के समय आतंकवाद के कारण लोग असुरक्षित महसूस करते थे। उन्होंने कहा कि अब समय बदल गया है और अब आतंकवादी अपने घरों में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार वोट बैंक राजनीति से दूर रहती है और देश के विकास के लिए काम कर रही है।
मोदी ने कहा कि अंग्रेज जब भारत छोड़कर जा रहे थे, तो ये कहा गया कि ये देश बिखर जाएगा, टूट जाएगा। जब इमरजेंसी लगी तो कुछ लोगों ने ये मान लिया था कि अब तो इमरजेंसी हमेशा ही लगी रहेगी। कुछ लोगों ने, कुछ संस्थानों ने इमरजेंसी थोपने वालों की ही शरण ले ली थी, लेकिन तब भी भारत का नागरिक उठ खड़ा हुआ। जब कोरोना का मुश्किल समय आया तो दुनिया को लगता था कि भारत उन पर बोझ बन जाएगा। लेकिन भारत के नागरिकों ने कोराना के खिलाफ एक मजबूत लडाई लड़कर दिखाई।
एचटी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आपके अखबार की खबर में मैंने उस उत्साह को महसूस किया, जो अक्टूबर 1947 में कश्मीर के विलय के बाद हर देशवासी में थे। हालांकि उस पल मुझे इसका भी एहसास हुआ कि कैसे अनिर्णय की स्थितियों ने कश्मीर को हिंसा में घेर कर रखा। आज आपके अखबार में जम्मू-कश्मीर में हुई रिकॉर्ड वोटिंग जैसी खबरें छपती हैं। ये अंतर है। उन्होंने कहा कि अभी कल ही मैं बोडोक्षेत्र के लोगों के साथ एक शानदार कार्यक्रम में मौजूद था और मैं हैरान हूं कि दिल्ली की मीडिया ने इसे कवर ही नहीं किया। उन्हें अंदाजा ही नहीं है कि पांच दशक बाद बम, बंदूक और पिस्तौल छोड़कर दिल्ली की छाती पर बोडो के नौजवान बोडो संस्कृति महोत्सव मना रहे हैं। बोडो शांति समझौते के कारण इन लोगों का जीवन बदल गया है।