रक्षाबन्धन का त्योहार हर साल शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधता है। आईए जानते हैं आखिर क्यो और कैसे मनाया जाता है भाई-बहन का त्यौहार रक्षा बंधन।
भाई बहन के प्रेम का पावन पर्व रक्षाबंधन पर बहन भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है और बदले में बहन भाई से अपने जीवन की रक्षा का वचन लेती है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी की भी हो सकती है। यह पर्व अक्सर प्रत्येक साल अगस्त के महीने में पड़ता है। तो चलिए आपको बताते हैं कब है रक्षाबंधन और क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त ।
आज रक्षाबंधन का त्योहार। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को आज के दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई बहन की रक्षा के लिए प्रण लेता है।
रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय – 01:30 पी एम से 09:08 पी एम
अवधि – 07 घण्टे 39 मिनट्स
रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त – 01:44 पी एम से 04:20 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 37 मिनट्स
रक्षा बन्धन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त – 06:57 पी एम से 09:08 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट्स
रक्षा बंधन क्यों मनाते हैं? –
रक्षाबंधन भाई बहनो के बीच मनाया जाने वाला पर्व है। इस दिन बहन अपने भाइयों को रक्षाधागा बांधती हैं और उसकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं। राखी बांधने के समय भाई भी बदले अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं और उसकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेते हैं।
राखी बांधने की पूजा विधि और मंत्र –
♦ इस दिन सबसे पहले बहन और भाई दोनों सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
♦ इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर अपने देवताओं को प्रणाम करें और अपने कुल देवी और देवताओं का आशीर्वाद लें।
♦ अब बहन एक थाली में राखी, अक्षत, रोली, दीपक और मिठाई रखें।
♦ इस थाली को अपने घर के पूजा स्थल में ले जाएं और राखी को बाल गोपल और अपने ईष्ट देवता को अर्पित करें।
♦ अब भाई की कलाई पर राखी बांधे। राखी बंधवाते समय भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
♦ ऐसा कहा जाता है कि इससे आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
♦ राखी बंधवाते समय भाईयों को सिर पर सूखा और साफ वस्त्र रखना चाहिए।
♦ सबसे पहले भाई के माथे पर रोली का टीका लगाएं और इसके बाद टीके के ऊपर अक्षत लगाएं।
♦ भाई की सलामती के लिए उसके सिर के ऊपर कुछ अक्षत के छींटे करें।
♦ थाली में रखे दीपक को जलाएं और इससे भाई की आरती करें।
♦ अब बहन भाई की दायीं कलाई में पवित्र राखी को मंत्र बोलते हुए बांधे। ऐसा कहा जाता है कि इससे राखी के धागों में भगवान के द्वारा शक्ति का संचार होता है।
♦ बहन भाई को मिठाई खिलाए और फिर भाई भी बहन को मिठाई खिलाए।
♦ भाई उपहार देकर बहन के सुखी जीवन और उसकी सुरक्षा की कामना करता है।
राखी बांधते समय ये मंत्र बोलें –
न बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।