लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव  को लेकर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यदि सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिल जाती है तो इसके बाद नगर विकास विभाग  चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगा। साथ ही मेयर और अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण निर्धारित करने का काम भी शुरू होगा।

बता दें कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की सर्वे रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर चुनाव कराने की अनुमति मांगी है। इस पर ही आज सुनवाई होनी है। सरकार की मंशा है कि अप्रैल से मई के दौरान चुनाव करा लिया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर और अध्यक्ष की सीटों पर पिछड़ों का आरक्षण होना तय है।

OBC आयोग की इस रिपोर्ट के आधार पर नगरीय निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में ओबीसी की हिस्सेदारी नए सिरे से तय की जाएगी। राज्य सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में हुआ था। आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम पूरा कर ये रिपोर्ट तैयार की।

रिपोर्ट तैयार होने के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने निकाय चुनाव में आरक्षण के लिए 350 पेज की रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी थी। जिसके बाद मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद योगी सरकार ने इसे मंजूरी दे दी। इसके बाद इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है और आज इस पर सुनवाई होगी।

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