पटियाला। पिछले 34 साल से हाई-प्रोफाइल चले आ रहे रोडरेज केस में 10 महीने 11 दिन की सजा काटने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर से राजनीतिक नेता बने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को केंद्रीय जेल पटियाला से रिहा हो रहे हैं। जैसे ही सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई तो सिद्धू परिवार के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस के सभी नेताओं और वर्करों में खुशी की लहर दौड़ गई। नवजोत सिद्धू के हक में पंजाब कांग्रेस का एक बड़ा खेमा है जो उनके जेल जाने के बाद चुप बैठा था और उनके बाहर आने का इंतजार कर रहा था। वहीं सिद्धू की रिहाई के बाद पंजाब की सियासत गर्माने के आसार हैं।
हालांकि पहले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर उनकी रिहाई की खबर के साथ समूचे पंजाब में विशेष तौर पर कांग्रेसी नेताओं में गर्मजोशी का माहौल देखने को मिला था परंतु तब कुछ कारणों से उनको जेल से रिहा नहीं किया गया, जिस कारण कांग्रेसी नेताओं को तब निराशा का सामना करना पड़ा था। हालांकि पहले अनुमान लगाए जा रहे थे कि नवजोत सिंह सिद्धू को बैसाखी वाले दिन रिहा किया जा सकता है, परंतु आज अचानक बाद दोपहर जब यह तय हो गया कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू केंद्रीय जेल पटियाला से शनिवार को रिहा हो रहे हैं तो पंजाब की राजनीति गर्मा गई क्योंकि पिछले 2 साल से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस में हमेशा ही अगली लाइन में रहे हैं और जब भी कांग्रेस की तरफ से बात चाहे अध्यक्षता की हो या कोई और भूमिका की नवजोत सिद्धू पंजाब कांग्रेस की ऐसी कड़ी हैं जिसको अनदेखा करना कांग्रेस के लिए मुश्किल है।
नवजोत सिद्धू के रिहा होने की खबर के साथ ही कांग्रेसी नेताओं और वर्करों ने जगह-जगह उनके स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं।सिद्धू समर्थकों ने आपस में मीटिंग करके प्वाइंट भी बांट लिए हैं जहां इन नेताओं की तरफ से सिद्धू का स्वागत किया जाएगा। इसके अलावा पटियाला में भी सिद्धू समर्थक बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। इसके अलावा पंजाब कांग्रेस की तरफ से एक बड़ा मार्च पटियाला में निकाला जा रहा है जिसमें पंजाब प्रधान सहित सभी बड़े नेता पहुंच रहे हैं। लिहाजा शनिवार का दिन पटियाला में कांग्रेस राजनीति का बड़ा दिन साबित होने जा रहा है।
केंद्रीय जेल पटियाला से रिहा होने के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू धार्मिक स्थानों पर नतमस्तक होकर परमात्मा का शुक्राना अदा करेंगे। वह सबसे पहले गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब, श्री काली माता मंदिर समेत बाकी कई धार्मिक स्थानों पर जाएंगे और अपने समर्थकों समेत नतमस्तक होकर परमात्मा का शुक्रिया अदा करेंगे। नवजोत सिद्धू जब भी किसी स्थान पर गए और उन्होंने किसी मुहिम की शुरूआत की तो उन्होंने धार्मिक स्थानों का आसरा लिया।