वर्ष 2017 में हुए पिछले निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट में 3 करोड़ 32 लाख वोटर थे। इस बार इस वोटर लिस्ट में करीब 80 से 90 लाख के बीच वोटर बढ़ने की उम्मीद है, जिनमें महिला और युवा वोटरों की सख्या ज्यादा रहेगी और यही वोटर चुनाव में निर्णायक की भूमिका अदा करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग, नगर विकास विभाग की ओर से वार्ड वार घोषित आरक्षण पर 10 अप्रैल तक आपत्तियों का निस्तारण हो जाने के बाद कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। चुनाव अप्रैल से मई के बीच सम्पन्न होंगे।
इन चुनावों की अधिसूचना जारी होने पर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी जो कि चुनाव सम्पन्न होने तक जारी रहेगी। इसलिए प्रदेश की सरकारी मशीनरी भी चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले सभी आवश्यक निर्णय व घोषणाएं 10 अप्रैल से पहले करने की तैयारी में है। आयोग ने पिछली वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट 10 मार्च को जारी की थी, उसके बाद इसके संक्षिप्त पुनरीक्षण की शुरुआत हुई। दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया गया और उसके बाद शुक्रवार 31 मार्च को सभी आंकड़ों को अंतिम रूप दिया गया।
चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार भी पिछले चुनाव की ही तरह तीन चरणों में चुनाव सम्पन्न करवाए जाएंगे। नगर निगमों के महापौर व पार्षद के चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव मतपत्रों के जरिये करवाए जाएंगे।