कुवैत अग्निकांड में मरने वाले भारतीयों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है। शव इतने जल गए हैं कि पहचान मुश्किल हो रही है। इस बीच भारत की ओर से यहां पहुंचे विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने घायलों से मुलाकात की है। कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या ने सिंह को शवों की वापसी में पूरी सहायता का आश्वासन देते हुए कहा है कि पूरी सख्ती के साथ इस त्रासदी की जांच की जाएगी।
घटना में मारे गए भारतीयों के शवों को भारतीय वायुसेना का एक विमान से वापस लाया जा रहा है। दक्षिणी कुवैती शहर मंगफ की एक बहुमंजिला इमारत की रसोई में बुधवार को आग लग गई थी, जब 195 प्रवासी कामगारों में से ज्यादातर सो रहे थे। खाड़ी के मीडिया के अनुसार मरने वाले 49 लोगों में से 45 भारतीय और तीन फिलीपींस के नागरिक बताए जा रहे हैं, एक अन्य की पहचान नहीं हो पा रही है। 50 से ज्यादा लोग घायल हैं।

मरने वालों में केरल के लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। वहीं, तमिलनाडु के पांच लोगों के भी मारे जाने का पता लगा है। तमिलनाडु के अल्पसंख्यक कल्याण और अनिवासी तमिल कल्याण मंत्री गिंगी के एस मस्थान ने बताया कि मृतकों में तंजावुर, रामनाथपुरम और पेरावुरानी के पांच तमिल शामिल हैं।
केरल के एक मृतक 27 वर्षीय श्रीहरि के पिता प्रदीप अपने बेटे के पार्थिव शरीर की पहचान केवल उसके हाथ पर बने टैटू से कर पाए। प्रदीप ने एक मलयालम अखबार को रोते हुए बताया कि बेटे का शव इतना जला हुआ था कि टैटू से ही पहचान हो पाई। श्रीहरि पिछले हफ़्ते ही 5 जून को केरल से कुवैत लौटे थे। पिता और पुत्र दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। प्रदीप पिछले आठ सालों से कुवैत में काम कर रहे हैं।

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