आँखें शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, इसलिए शरीर के अन्य हिस्सों के अलावा आँखों की भी देखभाल करना बेहद ज़रूरी होता है। अनियमित खानपान का सीधा प्रभाव आँखों पर पड़ता है। वैसे तो आँखों के लिए विटामिन ए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसे योगासन भी हैं जो आँखों की रोशनी को बढ़ाने का काम करते हैं। तो चलिए बताते हैं आपको कौन से हैं ये योगासन।
अनुलोम-विलोम
आँखों की रोशनी को बनाए रखने के लिए प्रणायाम अनुलोम-विलोम बेहद ज़रूरी होता है। इस आसन को कमर और गर्दन को सीधा करते हुए समतल स्थान पर बैठकर किया जाता है। मन की शांति के लिए यह आसन लाभदायक होता है। इसके अलावा सांस लेने और खून के प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन अनुलोम-विलोम करना चाहिए। इसे प्रतिदिन 4 से 5 बार करना चाहिए। इससे करने से आँखों की थकवाट दूर होती है। साथ ही आंखों में ताज़गी आती है। गर्मियों के समय में यह आसन लाभकारी होता है। इससे शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है।
शवासन
आँखों के लिए शवासन को प्रतिदिन करना चाहिए। इसके अलावा ये आसन शरीर और मन में भी ताज़गी लाता है। शवासन में सामान्य रूप से ज़मीन पर लेटा जाता है, जिससे न केवल थकान मिटती है बल्कि कई बीमारियां भी दूर होती हैं। इस आसन की खास बात यह है कि इसे हर आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं। मस्तिष्क की कार्यक्षमता और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए यह आसन करना बेहद ज़रूरी होता है।
सर्वांगासन
सर्वांगासन आँखों के साथ दिल की बीमारी के लिए भी लाभकारी होता है। इस आसन में पैरों को ऊपर कर शरीर का संतुलन कंधों के सहारे बनाया जाता है। स्ट्रेस, डिप्रेशन और चिंता को दूर करने के लिए सर्वांगासन प्रतिदिन करना चाहिए। सर्वांगासन करने से थाइरॉयड ग्रंथि सही तरीके से काम करती है। बवासीर की समस्या दूर करने के लिए भी यह आसन लाभकारी होता है। पाचन क्रिया बेहतर बनाने, रक्त का प्रवाह सही से करने के लिए यह आसन लाभकारी होता है।
त्राटक आसन
त्राटक आसन का सही समय रात के समय में होता है लेकिन आप चाहें तो इसे दिन के समय में भी कर सकते हैं। इस आसन में एक जगह बैठकर बिना लगातार किसी एक ही चीज़ को देखा जाता है और इसी वजह से इसे त्राटकासन कहा जाता है। एकाग्रता बढ़ाने और आँखों में तेज़ी लाने के लिए त्राटकासन काफी फायदेमंद होता है।
चक्रासन
चक्रासन में समतल जगह पर सीधा लेटा जाता है, जिसके बाद हाथ और पैरों की सहायता से कमर के हिस्से को ऊपर उठाया जाता है। ऐसा करने से शरीर का आकार चक्र के समान हो जाता है। आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ- साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत करने के लिए भी यह आसन फायदेमंद होता है। इस आसन से पीठ, बाजू और टाँगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शरीर में ताज़गी लाने के लिए भी चक्रासन किया जाता है।