पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिा स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के तट पर आयोजित होने वाले दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ मेले में पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति का स्नान श्रद्धालुओं को आधी-अधूरी तैयारियों और अव्यवस्थाओं के बीच ही आस्था की डुबकी लगानी होगी।

मेला अधिकारियों का दावा खोखला साबित हो रहाः साधु
महाकुंभ मेला-2025 में 13 जनवरी को ‘‘ पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला और दूसरा स्नान पर्व है। मेला क्षेत्र में पहुंच रहे साधु-संत का कहना है कि मेला अधिकारियों का दावा खोखला साबित हो रहा है। मेला शुरू होने में एक दिन शेष है जबकि मेले में अभी भी बसावट की पूरी तैयारी नहीं हुई है। झूंसी क्षेत्र में कुछ क्षेत्रों में भी बसावट नहीं हुई है। मेला क्षेत्र में कार्यकर रही सरकारी कार्यालयों, अखाडो के शिविर तो सज गए है बाकी काफी बड़ी संख्या में आधे अधूरे तंबुओं का शिविर दिखायी पड़ रहे हैं।

श्रद्धालुओं ने की ये शिकायत 
श्रद्धालुओं की सबसे बडी शिकायत यह है कि मेले में इस बार अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। सलौरी क्षेत्र में अभी पूरी बसावट ही नहीं हुई है। वहां अभी तक जमीनों का समतलीकरण किया जा रहा है। लोअर संगम क्षेत्र में जहां शिविर लग गए हैं वहां बिजली,पानी और शौचालयों की समस्या है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा बनाम शाही मस्जिद ईदगाह विवाद के पक्षकार आशुतोष पांडेय का शिविर लोअर संगम मार्ग पर है और उन्हें दो दिन पहले शिविर के लिए जमीन मिली है। उनके भक्त शशांक सक्सेना ने बताया कि सरकार के दिव्य, भव्य और नव्य कुंभ की महिमा मंडन का प्रशासन खिल्ली उडा रहा है। वह बात सुनने को तैयार नहीं रहता। जमीनों के आवंटन और मनमानी की जा रही है।

 

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights