इंडिया ब्लॉक गुरुवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबडेकर पर की गई टिप्पणी को लेकर विरोध मार्च करेगा।
यह विरोध मार्च संसद भवन परिसर से लेकर विजय चौक तक किया जाएगा।
विरोध मार्च में शामिल इंडिया ब्लॉक के नेता अमित शाह से इस्तीफे की मांग करेंगे।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ‘संविधान पर चर्चा’ के दौरान डॉ भीम राव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर चर्चा को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
उन्होंने अपने नोटिस में कहा, “मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भारतीय संविधान के जनक डॉ बीआर अंबेडकर के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर अपनी कड़ी निंदा और आक्रोश व्यक्त करने के लिए यह स्थगन प्रस्ताव देता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “भारतीय संविधान के निर्माता के अपमान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग करता हूं।”
उन्होंने अपने नोटिस में कहा, “राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान की गई मंत्री की टिप्पणियां न केवल अस्वीकार्य थीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों के प्रति गहरे तिरस्कार को भी दर्शाती थीं, जिसके लिए डॉ. अंबेडकर ने जीवन भर संघर्ष किया।”
उन्होंने कहा, “मैं मांग करता हूं कि अमित शाह अपनी टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगें और केंद्रीय गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दें। मंत्रिमंडल में उनकी निरंतर उपस्थिति संविधान और भारत के लोगों की गरिमा का अपमान है।”
उन्होंने अपने नोटिस में कहा, “इसके अलावा, मैं प्रधानमंत्री से तत्काल कार्रवाई करने और अमित शाह को उनके पद से हटाने का आग्रह करता हूं, क्योंकि उनकी टिप्पणियों से गृह मंत्री के कार्यालय की बदनामी हुई है। मैं इस सदन से अनुरोध करता हूं कि वह अमित शाह की टिप्पणियों की कड़ी से कड़ी निंदा करें और उनके इस्तीफे की मांग करें।”
इससे पहले 19 दिसंबर को भी संसद में इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने अमित शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और उनसे इस्तीफे की मांग की थी। इस दौरान पक्ष प्रतिपक्ष के सांसदों के बीच धक्का मुक्की भी हुई थी। जिसमें दो भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत चोटिल भी हुए थे। जिन्हें आरएमएल में भर्ती कराया गया। दोनों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना में घायल हुए भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत का हालचाल जाना था।
पीएम मोदी के अलावा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रल्हाद जोशी ने अस्पताल पहुंचकर भाजपा सांसद प्रताप सारंगी से मुलाकात की थी।
राहुल गांधी पर लगे धक्का मारने के आरोपों के बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ संसद मार्ग थाने में बीएनएस की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), धारा 125 (जान को खतरे में डालना), धारा 131 (आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 351 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
उधर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की को लेकर अपना पक्ष रखा था।
राहुल गांधी ने कहा था, “कुछ दिन पहले एक मामला सामने आया, जिस पर पूरे समय भाजपा ने सदन में चर्चा नहीं होनी दी। फिर अमित शाह का बाबा साहेब अंबेडकर पर बयान आया। हम शुरू से कहते आए हैं कि भाजपा-आरएसएस की सोच संविधान विरोधी और अंबेडकर के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा था, “भाजपा और आरएसएस के लोग बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को मिटाना चाहते हैं। अंबेडकर के प्रति उनकी जो सोच है, उसे उन्होंने सबके सामने दिखा दिया है। हमने अमित शाह से इस्तीफा मांगा, लेकिन वह नहीं हुआ और आज फिर से इन्होंने मुद्दे को भटकाने का काम किया है। हम अंबेडकर की प्रतिमा से संसद की ओर शांति से जा रहे थे। संसद की सीढ़ियों पर भाजपा के सांसद खड़े थे, जो हमें अंदर जाने नहीं दे रहे थे।”
बता दें कि बीते दिनों संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि अंबडेकर का नाम लेना फैशन बन चुका है। अगर इतना नाम भगवान का लिया होता, तो आज इन लोगों को भगवान प्राप्त हो चुके होते।