साइबर अपराधी अब नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने के लिए वीडियो कॉल का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। वीडियो कॉल के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें अपराधी लोगों को फंसाकर उनसे पैसे निकालने की कोशिश करते हैं। वीडियो कॉल का इस्तेमाल अब तक लोगों द्वारा आपस में बातचीत करने के लिए किया जाता था। लेकिन, अब इसके माध्यम से लोगों को लूटा भी जा रहा है। वीडियो कॉल के जरिए सामने वाले को साइबर अपराधी बिना अपना चेहरा दिखाए लूट रहे हैं। डिजिटल हो रहे इस जमाने में ऑनलाइन फ्रॉड करने का नया तरीका निकाला गया, इसमें लोग आसानी से शिकार बन रहे हैं। इस नए तरीके का नाम दिया गया है डिजिटल अरेस्ट। आइए जानते हैं कि इस नए तरीके से साइबर अपराधी कैसे लोगों को चूना लगा रहे हैं।

डिजिटल अरेस्ट में अधिकतर साइबर अपराधी खुद को पुलिस का बड़ा अफसर बन वीडियो कॉल करते हैं। इस दौरान वीडियो में वह अफसर भी मौजूद होता है। बातचीत जब शुरू होती है, तो साइबर अपराधी सामने वाले को बताते हैं कि आपका नाम नशीले पदार्थ की तस्करी में आया है, या फिर उसके नाम से वारंट निकला है। जब सामने वाला इन बातों से भयभीत होता है, तो वह उसे भरोसा दिलाता है कि उसे जेल जाने से बचा लिया जाएगा। लेकिन, इसके बदले में इतने पैसे लगेंगे। चूंकि, सामने नकली बड़ा पुलिस अधिकारी होता है, तो लोग इस धोखाधड़ी में फंसते चले जाते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में बीते दिनों ऐसा ही एक वीडियो कॉल एक परिवार को आया। इसमें पुलिस का एक बड़ा अधिकारी सामने था। वह उन्हें बता रहा था कि आपके नाम का वारंट निकला है और अगर वह जेल नहीं जाना चाहते हैं, तो मैं जैसा कह रहा हूं वैसा करें। हालांकि, महिला ने जागरूकता दिखाते हुए इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसके बाद पुलिस की जांच में पता चला कि वह साइबर अपराधियों के द्वारा डिजिटल अरेस्ट की एक कॉल थी। पुलिस ने लोगों को इस घटना से सीख लेते हुए सतर्क रहने के लिए भी कहा।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि साइबर अपराधी हर बार पुलिस की वर्दी में ही गुनाह को अंजाम दे। वे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कभी कूरियर कंपनी का मैनेजर, तो कभी इनकम टैक्स का अधिकारी बन सामने आते हैं। अगर आपके पास भी इस तरह के कॉल आते हैं, तो इस संबंध में नजदीकी पुलिस थाने या साइबर थाने से संपर्क कर शिकायत कर सकते हैं।
अनजान कॉल्स से बचें: यदि आपको किसी अनजान व्यक्ति से वीडियो कॉल आती है, तो उसे स्वीकार न करें। पहले उसकी पहचान की पुष्टि करें।
व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: वीडियो कॉल पर कभी भी अपने बैंक खाते, आधार, पैन कार्ड, पासवर्ड या किसी अन्य संवेदनशील जानकारी को साझा न करें।
फर्जी प्रोफाइल की पहचान करें: सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफार्मों पर जुड़े लोगों की प्रोफाइल की जांच करें। फर्जी प्रोफाइल अक्सर अधूरी जानकारी और अनवेरिफाइड अकाउंट होते हैं।
प्रोफेशनल और व्यक्तिगत सीमाएं रखें: किसी भी ऑनलाइन इंटरैक्शन में प्रोफेशनल और व्यक्तिगत सीमाओं का पालन करें। यह आपके व्यक्तिगत जीवन की गोपनीयता और सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करेगा।
वीडियो कॉल के लिए सुरक्षित प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: केवल उन प्लेटफार्मों का उपयोग करें जो सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड हैं, और जहां आपको कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान पर भरोसा है।
ब्लैकमेल से न घबराएं: यदि कोई आपको ब्लैकमेल करता है, तो घबराएं नहीं। तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें और उन्हें सूचित करें।

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