अपर्णा बिष्ट यादव ने अपने जेठ अखिलेश यादव से बगावत करते हुए भाजपा ज्वाइन की थी। उनके भाजपा में शामिल होते हुए योगी आदित्यनाथ से लेकर अमित शाह तक उनका स्वागत करने वालों में शामल थे। हालांकि अब वो हाशिये पर ही दिख रही हैं।
अपर्णा यादव ने बीते साल विधानसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। उनको कभी MLC तो कभी राज्यसभा भेजने की बात होती रही लेकिन कोई पद उनको अभी तक नहीं मिला। विधानसभा चुनाव के समय जोरशोर से अपर्णा ने भाजपा का प्रचार किया था तो योगी आदित्यनाथ के साथ भी उनकी कई मुलाकातें हुई थीं। फिलहाल ऐसा लग रहा है कि उनकी भाजपा से मोहभंग की स्थिति तो पैदा नहीं हो गई है।
हमने अपर्णा यादव के ट्विटर अकाउंट को खंगाला है। इसके जरिए जानना चाहा है कि वो भाजपा के पक्ष में कितना बोली हैं और सपा के खिलाफ कितना। उनके ट्वीट से लगता है कि वो अब भाजपा के लिए ज्यादा आक्रामक रहने के मूड में नहीं हैं और सपा की तरफ नरमी बरत रही हैं।
अपर्णा यादव के ट्विटर को देखें तो फरवरी, मार्च और इस महीने यानी अप्रैल के शुरुआती 5 दिनों में वो ज्यादातर समाजिक कामों में ही शामिल होती रही हैं। ज्यादातर ट्वीट में वो लखनऊ में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हैं। खासतौर स्कूलों, महिलाओं से जुड़े कार्यक्रम और शादी के फंक्शन से उन्होंने तस्वीरें शेयर की हैं।
बीते दो महीने में अपर्णा ने किसी बड़े भाजपा नेता से मुलाकात का जिक्र ट्विटर पर नहीं किया है। 15 फरवरी को उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के साथ शिष्टाचार भेंट की एक तस्वीर शेयर की है।
9 मार्च को उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की माताजी के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है। सतीश कौशिश के निधन पर योगी आदित्यनाथ के ट्वीट को उन्होंने रीट्वीट किया है। 26 मार्च को भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश क पदाधिकारियों को बधाई दी है।

अपर्णा का जो पिंड ट्वीट है। उसमें यूपी और केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए उत्तर प्रदेश में ऑपरेशन ग्रीन लागू करते हुए आलू और टमाटर के भंडारण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की उत्तम व्यवस्था की बात कही गई है।
अपर्णा यादव ने इस दौरान एक भी ट्वीट ऐसा नहीं किया है, जिसमें मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की आलोचना की गई हो। बीजेपी नेता के भी किसी भी ऐसे ट्वीट को रीट्वीट नहीं किया है, जिसमें सपा पर हमला हो। भाजपा में भी सिर्फ नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के कुछ ट्वीट ही उन्होंने रीट्वीट किए हैं।
अपर्णा यादव के अखिलेश यादव और डिंपल यादव से अच्छे रिश्ते नहीं माने जाते हैं। कहा जाता है कि शिवपाल यादव और उनके परिवार से अपर्णा की अच्छी बनती है। शिवपाल यादव सपा में आ चुके हैं तो ऐसे कयास भी हैं कि वो अपर्णा की भी वापसी करा सकते हैं। हालांकि ये सब सियासी गलियारों की चर्चा है, इस पर कोई आधिकारिक बयान किसी का नहीं आया है।

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