उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में बुधवार को बारिश के दौरान मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति और उसकी पत्नी पर सड़क पर भरा पानी उछालने और महिला को खींचकर गिराने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस घटना के अपराधियों के लिये ‘सद्भावना ट्रेन’ नहीं बल्कि ‘बुलेट ट्रेन’ चलेगी। मुख्यमंत्री के आदेश पर इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किये जाने के साथ-साथ संबंधित पुलिस उपायुक्त समेत तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पद से हटा दिया गया। बृहस्पतिवार देर शाम तक इस मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में कहा, ”जो गोमती नगर की घटना है उसमें भी हम लोगों ने जवाबदेही तय की है। उसके अपराधियों की सूची भी मेरे पास आई है। पहला अपराधी पवन यादव है और दूसरा अपराधी है मोहम्मद अरबाज।” उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा, ”यह सद्भावना वाले लोग हैं? यानी अब इनके लिए सद्भावना ट्रेन चलाएंगे?…नहीं इनके लिए बुलेट ट्रेन चलेगी। चिंता मत करो और उस बुलेट ट्रेन की तैयारी की जा रही है। महिला सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च महत्व रखती है। हमने इस बात को पहले दिन कहा था कि कोई खिलवाड़ करेगा तो उसका खामियाजा भुगतेगा।”

योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रबल प्रताप सिंह, सहायक पुलिस उपायुक्त अमित कुमावत और गोमतीनगर के सहायक पुलिस आयुक्त अंशु जैन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया है, जबकि गोमती नगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार पांडेय, समतामूलक चौकी प्रभारी ऋषि विवेक, दारोगा कपिल कुमार, सिपाही धर्मवीर और सिपाही वीरेंद्र कुमार समेत चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। बयान में बताया गया कि इस मामले में अराजक तत्वों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करते हुए बुधवार देर रात दो आरोपियों पवन यादव और सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था और उनकी निशानदेही पर दो अन्य आरोपियों अरबाज और विराज साहू को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।

 

 

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