नोएडा/बागपत/जेवर। सावन महीने के सबसे आकर्षक उत्सव कांवड़ यात्रा-2023 अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ चुकी है। हरिद्वार की पवित्र हर की पौड़ी से गंगा जल लेकर चले अधिकतर कांवडिय़ें अपने-अपने मंदिरों में पहुंच गए हैं। शुभ मुहूर्त शुरू होने पर 15 जुलाई यानि शनिवार को शाम 8.30 बजे से भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त है। मुहूर्त शुरू होते ही लाखों कांवडिय़े जलाभिषेक करके पूर्जा अर्चना करेंगे। इस प्रकार कांवड़ यात्रा 2023 पूरी होगी।
आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा 2023 को शुभ मुहूर्त दो दिन का है। धर्मशास्त्री पंड़ित रवि मिश्रा के मुताबिक, सावन की शिवरात्रि चतुर्दशी पड़ रही है। शिवरात्रि के जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई की शाम को 8.30 बजे से शुरू होकर 16 जुलाई की रात 10.08 बजे तक रहेगा। इस प्रकार 2023 की कांवड़ यात्रा का जल दो दिन यानि 15-16 जुलाई को चढ़ाया जाएगा। इस बीच अधिकतर कांवड़ियें अपने-अपने मंदिरों तक पहुंच गए हैं और बाकी देर शाम तक पहुंच जाएंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर कांवड़ियां बागपत जिले के पुरा महादेव मंदिर पर कांवड़ का जल चढ़ाते हैं। इसी कारण इस मंदिर पर मेले जैसा नजारा रहता है। हर-हर महादेव के जयघोष से वातावरण शिवमय हो जाता है। यहां विशाल मेला कांवड़ यात्रा-2023 पर 14 जुलाई से शुरू हो चुका है और 16 जुलाई तक चलेगा।
यहां आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बिनौली कस्बे के पास एक छोटे से गांव पुरा के पास भगवान शिव का प्रसिद्ध पुरामहादेव स्थापित है। इसी मंदिर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांवड़ियां जल चढ़ा रहे हैं। बताया जाता है कि पूर्व में इसी स्थल पर प्रसिद्ध कजरी वन हुआ करता था।
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के जेवर कस्बे के चेतना मंच के संवाददाता के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर शनिवार को कस्बे के मंदिरों पर कांवड़ियों के साथ साथ श्रद्धालु भी भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे जिसके लिये तैयारियां शिवभक्तों ने पूर्ण कर ली है।
महाशिवरात्रि के पर्व पर कस्बे के श्री दुर्गे मंदिर, श्री दाऊजी मन्दिर, बाबा ठहनी वाले मंदिर, श्री जावलि श्रषि मंदिर के अलावा जेवर क्षेत्र के गांवों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जायेगा। शुक्रवार की देर शाम गौमुख, हरिद्वार हरकी पैड़ी, अनूपशहर से कांवड़ियां बम बम भोले के जयकारों के साथ श्री दुर्गे मंदिर पर कांवड़ लेकर पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने उनका शानदार स्वागत कर जलपान कराया। उसके बाद देर रात तक कांवड़िये डीजे की धुन पर भोले के गानों पर जमकर नाचे। उनके साथ पुरुष, महिला श्रद्धालु भी खूब थिरके। कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए मंदिर व मार्गों पर भी कड़े बंदोबस्त किये गये थे।
अनूपशहर से डाक कांवड़ लेकर आये कांवडियों ने श्री दुर्गे मंदिर पर पहुंचकर भगवान शिव का सबसे पहले जलाभिषेक किया उसके बाद गौमुख, हरिद्वार व अनूपशहर के कांवड़ियों ने दूध, दही, शहद, मिठाई, बेल पत्र अर्पित कर भोग लगाया और मंत्रोच्चारण के बीच शनिवार को भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया।