प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद की करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति की डील करने के लिए उसका वकील विजय मिश्रा लखनऊ पहुंचा था। शनिवार को वह लखनऊ जेल में पहले अतीक के बेटे उमर से मिला और फिर अपने कुछ जूनियर के साथ होटल हयात लिगेसी पहुंचा था।वहां अतीक के परिवार की एक महिला और पुरुष भी मौजूद था। पूछताछ के दौरान अतीक के अधिवक्ता विजय मिश्रा ने शाइस्ता परवीन व जैनब फातिमा से जुड़े कई राज खोले हैं। एक-दो दिनों में उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े कुछ और लोगों पर कानूनी शिकंजा कसने की बात कही जा रही है।
विजय मिश्रा को पुलिस ने रविवार दोपहर कोर्ट में पेश किया, जहां न्यायिक अभिरक्षा में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया,जयंतीपुर सुलेम सराय में 24 फरवरी की शाम अधिवक्ता उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की गोली-बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी हत्याकांड के आरोपित अतीक का बेटा असद, शूटर गुलाम, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं।
अतीक की बीवी 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन, उसकी देवरानी जैनब फातिमा, ननद आयशा नूरी समेत तीन शूटर वांछित चल रहे हैं। हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि जेल में बंद अतीक के राजदार वकील खान शौलत ने शूटरों को उमेश पाल की फोटो आइफोन से भेजी थी।
खान शौलत ने पूछताछ में बताया था कि उसके कहने पर विजय मिश्रा ने उमेश की जानकारी बरेली जेल में बंद रहे अतीक के भाई अशरफ को दी थी। हत्याकांड के बाद आरोपितों की मदद से लेकर कई काम विजय मिश्रा कर रहा था, जिसके आधार पर उसे आरोपित बनाया गया था।
शनिवार देर रात प्रयागराज पुलिस ने लखनऊ एसटीएफ की मदद से विभूतिखंड स्थित होटल हयात लिगेसी के बाहर से विजय मिश्रा को पकड़ा था और प्रयागराज लाकर रातभर पूछताछ की गई। इस दौरान आरोपित ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल कई लोगों के अलावा शाइस्ता और जैनब के बारे में अहम जानकारी दी है।
विजय मिश्रा को उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल होने और आरोपितों की मदद करने समेत अन्य आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उससे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। -दीपक भूकर , डीसीपी सिटी
संतोष मिश्रा के बेटे वकील विजय मिश्रा के खिलाफ गैंगस्टर समेत नौ मुकदमे दर्ज हैं। कुछ माह पहले दरियाबाद निवासी फर्नीचर कारोबारी ने तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा उसके खिलाफ दर्ज करवाया था।