दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्‍नी के इलाज और अन्य घरेलू खर्चों के लिए बैंक खाते से पैसे निकालने की अनुमति मांगी है।

विशेष न्यायाधीश एम.के. राउज एवेन्यू कोर्ट  के नागपाल ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया और आवेदन को 4 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

सिसोदिया का आवेदन बैंक द्वारा अदालत के लिखित आदेश के बिना निकासी से इनकार करने के बाद आया है।

सिसोदिया के वकील मोहम्मद इरशाद ने कहा कि बैंक उन्हें चिकित्सा और अन्य खर्चों के लिए आवश्यक राशि निकालने की अनुमति नहीं दे रहा है।

इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय ने ईडी द्वारा जांच की जा रही 2021-22 उत्पाद शुल्क नीति मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा था कि सिसोदिया धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं थे।

उच्च न्यायालय ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल का सिसौदिया को जमानत देने से इनकार करने का आदेश तर्कसंगत था और इसमें कोई अवैधता या कमजोरी नहीं है।

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, “विद्वान विशेष न्यायाधीश ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर एक तर्कसंगत आदेश पारित किया है। इस अदालत ने 30 मई, 2023 को मनीष सिसौदिया बनाम सीबीआई शीर्षक से आरोपी की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।”

सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद जांच एजेंसी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था।

उच्च न्यायालय ने सीबीआई मामले में भी यह देखते हुए कि आरोप बेहद गंभीर हैं, सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

 

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