कुछ महीने पहले गौतम अडानी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति थे। साथ ही वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति भी थे। पर हिंडनबर्ग रिसर्च  रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी को भारी नुकसान हुआ। अब अडानी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में 26वें पायदान पर आ गए हैं। साथ ही वह भारत के सबसे अमीर व्यक्ति भी नहीं रहे। अडानी-हिंडनबर्ग मामले में कई विपक्षी दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर भी निशाना साधा। अडानी को पीएम मोदी का खास बताते हुए कई विपक्षी दल अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। हाल ही में इस मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी राय सामने रखी है।

शरद पवार ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग को बेकार बताया है। पवार ने कहा है कि उन्हें लगता है कि हिंडनबर्ग ने अडानी को टारगेट किया गया है। ऐसे में पवार जेपीसी जांच की ज़रूरत नहीं मानते।

पवार ने आगे कहा कि आजकल कई विपक्षी दल अंबानी-अडानी का नाम लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं। पवार ने इसे सही नहीं बताया और कहा कि हमें अंबानी और अडानी के देश के लिए दिए गए योगदान को ध्यान में रखना चाहिए। पवार ने कहा कि बेरोज़गारी, बढ़ती कीमतें और किसानों की समस्याएं ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।

पवार ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा जेपीसी का समर्थन किया है पर उन्हें लगता है कि जेपीसी को सत्तारूढ़ पार्टी प्रभावित कर सकती है। इससे सच सामने नहीं आएगा। पवार ने सच को सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पैनल को बेहतर ऑप्शन बताया।

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