अग्निवीर योजना को लेकर आई बड़ी खबर सामने आई है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनने का रही है और इससे पहले मोदी का साथ देने वाले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के एक शीर्ष नेता अग्निवीर योजना को लेकर बड़ा बयान दिया है। मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल पहले दो कार्यकालों से बहुत अलग होगा, इसका पहला संकेत देते हुए जेडीयू के शीर्ष नेता ने कहा है कि पार्टी सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग करेगी।
दरअसल, बीजेपी की सहयोगी जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और इसके प्रमुख नीतीश कुमार के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक केसी त्यागी ने कहा है कि कई राज्यों में इस योजना के खिलाफ नाराजगी है। उन्होंने कहा, “नाराजगी है, इसलिए हम अग्निवीर की समीक्षा की मांग करेंगे। हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं।” 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना तीनों सेवाओं की आयु प्रोफ़ाइल को कम करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती प्रदान करती है। इस योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए भर्ती किया जाता है। इन भर्तियों में से 25 प्रतिशत को 15 साल तक बनाए रखने का प्रावधान है।
कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में अग्निपथ योजना को बड़ा मुद्दा बनाया था और कहा कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो इसे रद्द कर देंगे। विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद भाजपा और उसके नेता इस योजना का बचाव करते रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि युवाओं के लिए ‘अग्निपथ’ से अधिक आकर्षक कोई योजना हो ही नहीं सकती, क्योंकि यह चार साल के बाद सेवानिवृत्त होने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए सशस्त्र बलों में पूर्णकालिक सरकारी नौकरी की गारंटी देती है।