कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा रद्द किये जाने के बाद शनिवार को कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ सरकार छात्रों के भविष्य को लेकर गंभीर है तो उसे ‘पेपर लीक’ माफिया को खत्म करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाने चाहिए। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा राज्य के सीएम योगी के निर्देश पर शनिवार को रद्द कर दी गई।

बता दें कि हाल में प्रदेश सरकार ने उप्र पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा भी निरस्‍त कर छह महीने के भीतर इसे फिर से कराने का निर्देश दिया था। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “छात्रों के विरोध के बाद उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा भी रद्द हो गई। जिसका कुछ महीनों में परिणाम आ आना था, अब इस परीक्षा की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी।” उन्होंने सवाल किया, “जिन युवाओं के साथ यह खिलवाड़ हुआ, उन पर और उनके परिवारों पर क्या बीत रही होगी? क्या पेपर लीक को उप्र के युवाओं की नियति बना दिया गया है?”
कांग्रेस महासचिव ने कहा,”अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए माता-पिता अंतहीन संघर्ष करते हैं। कोई (माता-पिता) फसल बेचकर बच्चों को पढ़ाते हैं, कोई गहने या खेत बेचकर तो कोई कर्ज लेकर बच्चों को पढ़ाते हैं। हर परिवार के संघर्ष की अपनी एक गाथा है।” उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं पर सिर्फ अपना ​भविष्य बनाने का ही दबाव नहीं होता, माता-पिता के संघर्ष का बोझ और परिवार की जिम्मेदारियां भी होती हैं। पेपर लीक और भ्रष्टाचार इन संघर्षों को दोगुना कर देते हैं। युवाओं का उत्साह मरता है। उनके हौसले टूटते हैं। इसकी भरपाई कौन करेगा? उप्र की भाजपा सरकार यदि छात्रों के भविष्य को लेकर ईमानदार और गंभीर है तो उसे पेपर लीक माफिया को खत्म करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाने चाहिए।”

 

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