लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावार नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अभी अखिलेश यादव रास्ते से भटके हैं। सही रास्ते पर आएंगे तो स्वागत करूंगा। कथनी-करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पद से बड़ा विचारधारा है, विचाराधारा के चलते पद छोड़ा है।
मौर्य ने कहा कि पद की लालच में मै राजनीति में नहीं आया हूं। विचार धारा मेरे लिए महत्वपूर्ण है, राजनीति में विचारधारा सबसे महत्वपूर्ण है, अखिलेश से वैचारिक मतभेद है, मनभेद नहीं है। अखिलेश यादव की भूमिका पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं , सपा से मैने इस्तीफा दे दिया है। 22 फरवरी को मैं नई पार्टी का ऐलान करूंगा। उसी दिन आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
देश की संपत्तियां निजी हाथों में बेची जा रही है। संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नौजवान बेरोजगार है, किसानों को लाभ दिलाना तो दूर उनपर लाठियां बरसाई जा रही हैं। व्यापारियों की कमर तोड़ी जा रही। लोकतंत्र को खत्म करने के लिए ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। इंडिया अलायन्स को मजबूत करना ही मेरी प्राथमिकता है। आज मैंने सपा से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मैंने अखिलेश यादव से वार्ता की। उनसे बताया की सपा में कुछ ऐसे भी हैं जो पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने कहा की जब भी मैं सपा को बढ़ाने का प्रयास करता हूं, मुझे रोका जाता हैं। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने मुझसे कोई वार्ता नहीं की गई, इसीलिए मैंने सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। एमएलसी सदस्यता से भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मैंने सैदैव राजनीति में देश के दलितों आदिवासियों गरीबों किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। मैने हमेशा लड़ाई लड़ी, विचारधारा और मिशन में जब कोई मेरे आड़े आया, उससे टकराने में गुरेज नहीं किया, राजनीति में विचारधारा महत्वपूर्ण है, विचारधारा के लिए कुर्सी छोड़ी है। मेरे लिए पद नहीं विचारधारा जरूरी है। पद के लिए मैने कभी राजनीति नहीं की है। मैं विचारधारा के लिए लड़ाई लड़ता हूं।
राहुल गांधी का यात्रा में शामिल होने पर कहा कि फिलहाल समय के अभाव के चलते राहुल की यात्रा में नहीं शामिल होंगे। अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया, उसकी हवा उन्होंने खुद निकाल दी। अखिलेश यादव ना इधर हैं और ना ही उधर। सपा के लोग अपनी विचारधारा से भटक गए हैं। सपा के लोग धर्मनिरपेक्ष हैं। सपा कार्यालय में शालिग्राम की पूजा करवा दी। बीजेपी सपा से शर्मा गई होगी। अखिलेश का धर्मनिरपेक्ष चेहरा जनता देख रही है। पल्लवी पटेल बुलंद आवाज उठाती रही हैं। वो भी एक विचारधारा के तहत राजनीति में आई हैं। अखिलेश यादव के साथ कोई नहीं चल सकता है। रामगोपाल यादव की भी बोलभाषा सही नही है। शिवपाल यादव से सीखना चाहिए। सपा की खटिया खड़ी बिस्तरा गोल है। प्रो रामगोपाल जबतक रहेंगे, तबतक सपा पर अंधेरा छाया रहेगा।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र देने के एक सप्ताह बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर खुद यह जानकारी दी। उन्होंने ‘एक्स’ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और विधान परिषद के सभापति के नाम संबोधित त्यागपत्र के अलग-अलग पन्नों को साझा किया है।
मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ किंतु 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए पहल नहीं करने के परिणामस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं।” विधान परिषद के सभापति को लिखे पत्र में मौर्य ने कहा, ‘‘ मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उप्र निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ। चूंकि मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसीलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद, उप्र की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।”