लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज होते दिख रही है। अभी तिथि घोषित नहीं हुई है उसके पहले ही राजनीतिक पार्टीयों में उथल-पुथल शुरु हो चुका है। सीएम सिटी गोरखपुर में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। यहां सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। योगी के शहर के 15 सपा पार्षदो ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इससे सपा का सियासी समीकरण बिगड़ सकता है। नगर निगम के 15 पार्षदों ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद की उपस्थिति में बीजेपी में ज्वाईन कर लिया है।

अब गोरखपुर नगर निगम में भाजपा के पार्षदों की संख्‍या 56 हो गई है। इन पार्षदों ने उप मुख्‍यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य के साथ प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इसमें एक सपा के कार्यकारिणी सदस्य भी हैं। पार्षद भाजपा के विकास कार्यों से प्रभावित हैं। प्रदेश कार्यालय से बुलावा आने के बाद वे लखनऊ पहुंचे और भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

विश्वजीत त्रिपाठी ने कहा कि हम सभी बीजेपी की नीतियों और कार्यों से पूरी तरह सहमत हैं। डबल इंजन की सरकार ने देश व प्रदेश में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। हम सब इन विकास कार्यों का समर्थन करते हैं।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से इन पार्षदों ने मकर संक्रांति पर मुलाकात की थी। तभी से इनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चा थी। समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता के सपा पार्षद विश्‍वजीत त्रिपाठी सोनू और निर्दलीय पार्षद सौरभ विश्वकर्मा भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा निर्दलीय पार्षद समद गुफरान साजू, अरविंद, रीता, सतीश चंद, सरिता यादव, मीना देवी, छोटेलाल, दिनेश उर्फ शालू, जयंत कुमार, बबलू गुप्ता उर्फ छट्टी लाल, भोला निषाद, माया देवी, समीना (बसपा) शामिल रहे।

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