वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में साल 2022 में हुए कोर्ट कमीशन सर्वे के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बड़े बयान दिए थे। इन बयानों को हेट स्पीच बताते हुए अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय एमपी एमएलए कोर्ट में एक वाद दायर किया था कि इन दोनों राजनेताओं के ऊपर चौक थाने में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। कोर्ट ने साक्ष्यों के आभाव में यह केस डिसमिस कर दिया था जिसके बाद हरिशंकर पांडेय के अधिवक्ताओं ने इसका रिवीजन पिटीशन डाला है जिसकी सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश नवम विनोद यादव की कोर्ट में चल रही है। शनिवार को इस मामले में सुनवाई होनी है। कोर्ट ने सभी पक्षों को आज जवाब देने के लिए अंतिम समय दिया है।
इस मामले में अखिलेश यादव के अधिवक्ता अनुज यादव अपना पक्ष रख चुके हैं और जवाब दाखिल कर चुके हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी को ओर से अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी और शवनवाज परवेज ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर चुके हैं। हरिशंकर पांडेय के रिवीजन पिटीशन पर शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश नवम विनोद यादव सुनवाई करेंगे। उन्होंने आज सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।

कोर्ट में बताया गया है कि अखिलेश यादव ने उस समय कहा था कि ‘पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वहीं भगवान और शिवलिंग हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि हम अब किसी और मस्जिद को खोने नहीं देंगे, ज्ञानवापी फैसला पूजा स्थल अधिनियम के खिलाफ है। ये भविष्य में ऐसे कई मसलों को खोल देगा जो देश में अस्थिर प्रभाव पैदा कर सकता है।

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