बेंगलुरु में हुई मीटिंग में विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘I.N.D.I.A’ तय किया है। इसका फुलफॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल या डेमोक्रेसी इंक्लूसिव अलायंस बताया गया है। अब इसपर सियासी के साथ धार्मिक रंग भी चढ़ने लगा है और विरोध शुरू हो गया है। UPA का स्थान लेने वाले इस ‘I.N.D.I.A’ को लेकर विपक्ष हमलावर है तो संत समाज ने भी कड़ा विरोध जताया है। इण्डिया और भारत की लड़ाई में कूदे अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने इसका विरोध करते हुए इस गठबंधन को भारत में भारतीयता के विरोधियों का गठबंधन बताया है।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि बैंगलूर में हुई विपक्ष की बैठक राजनीतिक रूप से चाहे जो हो पर ये भारत के धर्म और संस्कृति की दृष्टि से बेहद खतरनाक लोग हैं। विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘I.N.D.I.A’ तय किया है। जिसे इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल या डेमोक्रेसी इंक्लूसिव अलायंस बताया जा रहा है। इन्हे इंक्लूसिव शब्द की जगह इस्लामिक शब्द लिखना चाहिये।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ये वही लोग हैं जो डिमेटलिंग ऑफ गोलबल हिंदुत्व के नाम पर विदेशों में कार्यकम करते रहते हैं। इण्डिया एक शार्ट नाम के रूप में एक खतरनाक दिशा में लोकतांर्त का एक कदम है। वास्तव में इंडिया वर्सेज भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत को आजाद करते समय अपने कुछ चमचों को यहां छोड़ा गया था जो पिछले 9 सालों से सत्ता में नहीं हैं। इस नाते ये उनकी पीड़ा है।
उन्होंने आगे कहा कि ये सभी राम, कृष्ण और शिव के विरोधी हैं। ये रमा मंदिर नहीं बनते देख सकते। ये ट्रिपल तलाक और UCC जैसे कानूनों का विरोध करेंगे। इन्हे धारा 370 जम्मू कश्मीर से हटने पर दिक्कत है। वास्तव में ये भारत में भारतीय के विरोधियों का गठबंधन यही और ऐसे गठबंधन का सदैव नाश होगा।

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