जानकारी के अनुसार, शास्त्री पार्क के डी-ब्लॉक में असगर का तीन मंजिला मकान है। यहां उसके भाई अन्ना, अकबर, अजमत के परिवार और किरायेदार रहते हैं। बताया जा रहा है कि जिस मकान में यह हादसा हुआ उसके सिर्फ एक कमरे में मीटर का कनेक्शन है, बाकी सभी कमरों में चोरी की बिजली जल रही थी। शुक्रवार तड़के मकान मालिक और किरायेदार रोजा रखने के लिए सहरी करके सो गए थे। उससे पहले सुबह 6 बजे मकान मालिक असगर ने चोरी वाले कनेक्शन निकाल दिए थे। इससे घर में अंधेरा हो गया और धुआं भरने से किसी को कुछ दिखाई नहीं दिया। वहीं फंसने और दम घुटने से सभी 6 लोगों की मौत हो गई।
असगर के भाई अकबर ने बताया कि उसका और उसके भाई अन्ना का परिवार ग्राउंड फ्लोर पर रहता है, जबकि असगर, अजमत का परिवार और दो किरायेदार फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं। दूसरी मंजिल के चार कमरों में किरायेदार रहते हैं। मकान मालिक रोज सुबह चोरी के बिजली कनेक्शन निकाल देता था। ऐसे में कमरों के अंदर पूरा दिन अंधेरा रहता था।
सहरी खाने के लिए परिवार रात करीब दो बजे से ही जगा था। चोरी का कनेक्शन हटाने के बाद पंखे बंद हो गए, जिससे मच्छर काटने लगे। इसके बाद ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले अन्ना की पत्नी शुमाइला मच्छर भगाने के लिए बिस्तर के पास क्वाइल जलाकर सो गई। करीब आठ बजे क्वाइल की आग से बिस्तर का गद्दा चपेट में आ गया और आग लग गई और पूरे मकान में धुआं भर गया।
शुमाइला ने शोर मचाकर दूसरे लोगों को जगाया। बावजूद इसके दो बच्चे ग्राउंड फ्लोर में फंस गए। इस दौरान ऊपर के फ्लोर पर रहने वाले नौ किरायेदार भी धुएं और आग की चपेट में आ गए। मकान में नीचे रहने वाले लोग अपने सामने अंदर फंसे लोगों की मौत का नजारा देखकर भी बेबस नजर आए।
मकान मालिक असगर छह भाई हैं। जिनके नाम वसीम, अन्ना, हसीन, अकबर, अजमत और नसीम है। इनके दो भाई वसीम और अन्ना आपराधिक छवि के हैं। वसीम को लूट के मामले के उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहीं, अन्ना पुलिस टीम पर फायरिंग करने के मामले में आरोपी है। वह जेल में बंद है। असगर के भाई और परिवार के सदस्य मजदूरी करते हैं। महिलाएं गांधी नगर की कपड़ा फैक्ट्री में धागा काटती हैं। वहीं, एक किरायेदार रिक्शा चलाता है।
अजमत की पत्नी नाजमी ने बताया कि नींद खुली तो कमरे में धुआं भरा था। वे तुरंत बच्चों को जगाकर भागने लगे। धुएं के चलते उनका ढाई साल का बेटा हमजा दिखाई नहीं दिया। दम घुटने लगा तो वे बाहर आए। नाजमी दोबारा अंदर जाने लगी तो लोगों ने उन्हें रोक लिया। बाद में हमजा की मौत हो गई। आग से उनकी 15 वर्षीय बेटी भी झुलस गई।
मरने वाले छह लोगों में दो फर्स्ट फ्लोर पर मिले, जबकि चार सेकेंड फ्लोर पर बेसुध पड़े थे। दमकल और पुलिस के अनुसार, भागने का प्रयास करते वक्त दम घुटने से बेसुध होकर गिर गए थे। इसके बाद देर तक धुएं में रहने के चलते दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
किरायेदार मोती बिराना ने बताया कि वह मूलरूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला हैं। सुबह 8 बजे वह भोजन के बाद बर्तन साफ कर रहे थे, तभी नीचे से तेज आवाज आई। थोड़ी देर में ही धुआं ऊपर आ गया। वह सीढ़ियों की तरफ भागने लगे। उनके दो साथी दूसरी छत पर चले गए। दम घुटने लगा और वह सीढ़ियों पर टकराकर चोटिल हो गए।