आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है। प्रदेश भाजपा चीफ डग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने कहा कि प्रदेश की सरकार जानबूझकर शराब बनाने वाली कंपनियों के मालिक का नाम उजागर नहीं कर रही है जो आंध्र प्रदेश को शराब की सप्लाई करते हैं।
प्रदेश में 100 से अधिक कंपनियां आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेजस कॉर्पोरेशन लिमिटेड में रजिस्टर्ड हैं, जिसमे से 16 कंपनियां ही अकेले प्रदेश को 74 फीसदी शराब की सप्लाई करती हैं। इन 16 में से कुछ अहम कंपनियां वाईएसआरसी के सांसद वी विजयसाई रेड्डी और पीवी मिथुन रेड्डी की हैं।
प्रदेश भाजपा कार्यालय मे मीडिया से बात करते हे पुरंदेश्वरी ने कहा कि वाईएसआरसी सरकार ने प्रदेश में 2 अक्टूबर 2019 को शराब नीति को बदल दिया है ताकि सभी शराब की दुकानों को अपने कब्जे में ले सके और यहां शराब की सप्लाई रिटेल काउंटर पर कर सके। यह शराब उन्हीं कंपनियों से आती है जो इनके साथ रजिस्टर्ड हैं।
मैंने पहले ही कहा था कि कई शराब की कंपनियां वाईएसआरसी के नेताओं की हैं, जिसमे अदन डिस्टिलरी शामिल है, इसे 1164 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला है। यह विजयसाई रेड्डी की कंपनी है। अहम बात यह है कि इस कंपनी की खुद की कोई शराब फैक्ट्री नहीं है, बल्कि दूसरी डिस्टलरी से शराब लेकर सप्लाई की जाती है। विसाखा डिस्टलरी जोकि चिंतकयला राजेश की है, पीएमके डिस्टलरी जोकि पुत्ता महेश की है उनकी डिस्टलरी से शराब को सप्लाई किया जाता है।
एसपीवाई एग्रो जिसपर जबरन वाईएसआरसी सांसद मिथुन रेड्डी ने कब्जा कर लिया था, उसे 1863 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया गया है। इस कंपनी का ब्रांड 2019 में ही लोगों के बीच लोकप्रिय हुआ है। जगन ने वादा किया था कि जो शराब बनाएगा या बेचेगा उसे जेल भेजा जाएगा। उन्हें यह बताना चाहिए इन लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। उन्हें लोगों को समझाना चाहिए उन वादों का क्या हुआ जिसमे कहा गया था कि चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी की जाएगी।