नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर पौडेल की नियुक्ति को सुप्रीम में दी चुनौती
काठमांडू, 23 मई (हि.स.)। नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर के रूप में डॉ. विश्व पौडेल की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके चयन में नेपाल राष्ट्र बैंक के नियुक्ति संबंधी अधिनियम का उल्लंघन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनंतराज लुइटेल, प्रतिभा उप्रेती और विशाल थापा ने संयुक्त रूप से याचिका दायर की है। इस याचिका में दावा किया गया कि पौडेल की नियुक्ति में नेपाल राष्ट्र बैंक के नियुक्ति संबंधी सभी धाराओं का उल्लंघन किया गया है। नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर की नियुक्ति संबंधी अधिनियम में पहली शर्त यही है कि व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल से आबद्ध ना हो, लेकिन नव नियुक्त गवर्नर विश्व पौडेल पिछले आम चुनाव में सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और पराजित हो गए थे।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि डॉ. पौडेल के पास नेपाल राष्ट्र बैंक अधिनियम द्वारा तय किए गए अनिवार्य शैक्षणिक योग्यताओं का भी अभाव है, जिसके लिए अर्थशास्त्र, मौद्रिक नीति, वाणिज्य या बैंकिंग में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। इसके बजाय पौडेल के पास ग्रामीण विकास अर्थशास्त्र में डिग्री है। उनका तर्क है कि सिफारिश समिति के एक सदस्य को पद छोड़ने के लिए कहा गया था ताकि पौडेल की निर्विरोध नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया जा सके, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह निहित स्वार्थों के लिए किया गया था।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पौडेल की राजनीतिक संबद्धता है और उन्हें “मैच फिक्सिंग” तरीके से नियुक्त किया गया है, जबकि वे स्वयं वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल के नेतृत्व वाली सिफारिश समिति के सदस्य थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह सीधे तौर पर नेपाल राष्ट्र बैंक अधिनियम, 2058 की धारा 21 और 32 और सुशासन अधिनियम, 2064 (2008) की धारा 18 का उल्लंघन करता है।
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