वाराणसी में घर की दहलीज से निकल महिलाओं ने पारम्परिक खेती को दी “नई ऊँचाई”
—खेतों में उर्वरक, कीटनाशक आदि का छिड़काव कर रहीं ड्रोन दीदी, 10 महीने में लाखों कमाए
वाराणसी, 08 मई (हि.स.)। गांव की महिलाएं घर की दहलीज को लांघ अब पारम्परिक खेती में नई तकनीक का प्रयोग कर आर्थिक रूप से परिवार की मदद करने के साथ अपने सपने को भी पूरा कर रही हैं। काशी की ड्रोन दीदी सफलता पूर्वक ड्रोन से खेतों में उर्वरक, कीटनाशक आदि का छिड़काव कर अच्छी कमाई कर रही हैं। ड्रोन दीदी ने मिलकर सिर्फ 10 महीने में लाखों की आय की है।
प्रधानमंत्री मोदी-मुख्यमंत्री योगी की डबल इंजन सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं। डबल इंजन की सरकार की नीतियां महिलाओं के जीवन को नई उड़ान दे रही हैं। ये महिलाएं डबल इंजन सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही मातृ शक्ति को भी सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त पवन कुमार सिंह की माने तो वाराणसी में ड्रोन सखियां किसानों के फसलों पर छिड़काव करके लगभग 10 महीने में करीब 3,38,500 रुपये की आय कर चुकी हैं। महिलाएं ड्रोन के माध्यम से लगभग 2581 एकड़ एरिया में 1134 लीटर से अधिक उर्वरक और 487 लीटर से अधिक कीटनाशक का छिड़काव कर चुकी हैं। इसमें निरंतर वृद्धि भी हो रही है। वाराणसी के सीमावर्ती जिलों में भी ड्रोन से उर्वरकों के छिड़काव की मांग बढ़ती जा रही है। ड्रोन दीदी गन्ना, तिल, धान, लौकी, अरहर की दाल, भिंडी, कद्दू,चौराई, पत्ता गोभी,करेला, मिर्च तरबूज आदि के खेतों में नैनो यूरिया,नैनो डीएपी, सागरिका, कीटनाशक का छिड़काव कर किसानों का सहयोग कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि वाराणसी की 9 महिलाओं को रिमोट पायलट ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट मिल चुका है। महिलाओं को प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय की ड्रोन अकादमी में 10 दिन की ट्रेनिंग दिलाई गई थी। इसके बाद इन्हें तीन दिन की ड्रोन फ्लाई की एडवांस ट्रेनिंग भी दी गई थी, जिससे कृषि कार्य के लिए वे ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने बताया कि एक एकड़ खेत में ड्रोन 10 मिनट में 10 लीटर रसायन का छिड़काव कर सकता है। ड्रोन में पहले से ही खेतों की मैपिंग कर ली जाती है, जिससे पूरे एरिया के बारे में पता चल जाता है। ड्रोन में लगे सेंसर की कई खूबियां भी हैं। इससे समय, श्रम और पैसों की बचत होती है। महिलाओं को हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड और इफको ने निःशुल्क ड्रोन उड़ने का प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षित महिलाओं को 15 लाख का ड्रोन और इलेक्ट्रिक ऑटो भी प्रदान किया गया।
ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा गया है। काशी विद्यापीठ ब्लॉक की ड्रोन दीदी नीतू सिंह बताती है कि केन्द्र और प्रदेश की सरकार ने आर्थिक उड़ान दी है। इससे घर व गांव में हमारा सम्मान बढ़ा है। बच्चों की पढ़ाई और घर में आर्थिक सहयोग करने से सभी लोगों का नजरिया भी बदल गया है। आने वाले समय में कमाई के साथ जीवन स्तर में और सुधार होगा। ड्रोन दीदी, हरहुआ आशा बताती है कि सरकार किसानों के साथ ही मातृ शक्ति को भी आर्थिक शक्ति प्रदान कर रही है, जिससे गृहस्थी की गाड़ी रफ्तार पकड़ रही है। धान और गेहूं के समय अच्छी आय हुई थी। एक महीना पहले तरबूज के खेत में छिड़काव कर चुके हैं।किसान कम पैसे और कम समय में उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव से खुश हैं।
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