भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने बुधवार को विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद उनके साथ जुड़े सहयोगी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि फाइनल से पहले वजन को दायरे में नहीं रखने की गलती स्वीकार्य नहीं है।

अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ स्वर्ण पदक मुकाबले से कुछ घंटे पहले विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया गया जिससे भारत को बड़ा झटका लगा।

वजन मापने की प्रक्रिया के दूसरे दिन उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया और इसके परिणामस्वरूप उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश के खिलाफ सेमीफाइनल में हारने वाली क्यूबा की पहलवान गुजमैन लोपेज युसनेलिस अब स्वर्ण पदक के लिए हिल्डेब्रांट से भिड़ेंगी। विनेश बेल्जियम के अपने निजी कोच वोलेर अकोस के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं और उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी मानसिक अनुकूलन कोच वेन लोम्बार्ड के साथ भी काम किया है।

संजय ने कहा, ‘यह विनेश की गलती नहीं है। वह शानदार प्रदर्शन कर रही थी। कोच, सहयोगी स्टाफ, फिजियो और पोषण विशेषज्ञों को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें हर समय उस पर ध्यान देना चाहिए था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसा कुछ नहीं हो। यह कैसे हुआ और वह कैसे वजन सीमा से अधिक हो गया इसकी जांच होनी चाहिए।’ डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं भारत सरकार से सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।’

विनेश ने अकोस के साथ ट्रेनिंग लेने का विकल्प चुना था और भारत सरकार ने खेलों के लिए विनेश के साथ उनकी यात्रा को मंजूरी दी थी। भारतीय राष्ट्रीय कोच की तरह अकोस को भी पूर्ण मान्यता प्रदान की गई थी। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अकोस ने विनेश के खेल को नए तरीके से ढालने में अहम भूमिका निभाई है। अकोस 2018 से विनेश के साथ काम कर रहे हैं और उनके खेल में तकनीकी और रणनीतिक बदलाव ला रहे हैं। विनेश ने उनके साथ दो वि चैंपियनशिप कांस्य पदक जीते हैं।

संजय ने कहा कि वह भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के साथ बैठक कर रहे हैं और वे यूडब्ल्यूडब्ल्यू प्रमुख नेनाद लालोविक से संपर्क करेंगे कि क्या कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने आईओए (भारतीय ओलंपिक संघ) और यूडब्ल्यूडब्ल्यू से बात की और मैंने पत्र भी भेजे, जिसमें उन्हें मामले को देखने और उसे प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने के लिए कहा गया।’

बाद में खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भी लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने विनेश को खेलों की तैयारी के लिए ट्रेनिंग और विदेश में प्रतियोगिताओं के लिए 70 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की थी जहां उन्होंने अपने सहयोगी स्टाफ के साथ यात्रा की थी जिसमें अकोस, लोम्बार्ड, अिनी जीवन पाटिल (फिजियो), मयंक सिंह (मानसिक अनुकूलन विशेषज्ञ) और अरविंद (कुश्ती जोड़ीदार) शामिल थे। उन्होंने स्पेन, फ्रांस और हंगरी में ट्रेनिंग की। खेल मंत्री ने यह भी कहा कि टोक्यो ओलंपिक चक्र में उन्हें एक करोड़ 13 लाख रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

विनेश अपने खेल के शीर्ष पर थी यह तब स्पष्ट हो गया जब उन्होंने उस मुकाबले से पहले तक अजेय युई सुसाकी को हराया। भारतीय पहलवान ने प्रतीक्षा करने की रणनीति अपनाई और मैच के अंतिम क्षणों में मैच जीतने वाला दांव चला। विनेश के साथ मुकाबले के दौरान मौजूद अकोस उस समय रोते हुए नजर आए जब भारतीय पहलवान ने फाइनल में अपनी जगह पक्की की। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा कि महासंघ आगे चलकर केवल यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाईटेड र्वल्ड रेस्लिंग) से प्रमाणित कोच को ही भारतीय पहलवानों को ट्रेनिंग देने की अनुमति देगा।

संजय ने कहा, ‘भारतीय कुश्ती महासंघ यूडब्ल्यूडब्ल्यू के लेवल एक और लेवल दो कोर्स पास करने वाले कोच को नियुक्त करने की पूरी कोशिश करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि पहलवान डब्ल्यूएफआई के कोच और यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अधिकारियों के साथ अभ्यास करें ताकि ऐसी घटनाएं फिर कभी नहीं हों।’ विशेष रूप से पूछे जाने पर कि क्या डब्ल्यूएफआई व्यक्तिगत कोच को अनुमति देगा या नहीं, संजय ने कहा कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘पूरी डब्ल्यूएफआई समिति तय करेगी कि इस मामले में आगे कैसे बढ़ना है।’

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights